देहरादून: उत्तराखण्ड जो देश की सेनाओं में सबसे अधिक सैनिक भेजने वाले राज्यों में शामिल है, वहां वीरों के सम्मान और शहीदों के प्रति कृतज्ञता की भावना को नई ऊंचाई पर ले जाने का कार्य मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में हुआ है। स्वयं एक सैनिक पुत्र होने के नाते मुख्यमंत्री धामी ने सैनिक परंपरा और राष्ट्रसेवा के प्रति अपनी गहरी श्रद्धा को नीतियों में परिवर्तित किया। सरकार ने शहीदों के परिवारों के लिए अनुग्रह अनुदान को ₹10 लाख से बढ़ाकर ₹50 लाख कर दिया है, जो सिर्फ आर्थिक सहायता नहीं, बल्कि बलिदान के प्रति एक सम्मानजनक नमन है। यह निर्णय शहीदों के परिजनों के लिए सुरक्षा और सम्मान दोनों का प्रतीक है।
इसके साथ ही, दिव्यांग पूर्व सैनिकों के लिए ₹2 लाख प्रति वर्ष की वार्षिक सहायता राशि प्रदान की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई वन रैंक, वन पेंशन योजना का प्रभावी क्रियान्वयन भी उत्तराखण्ड में सुनिश्चित किया गया है, जिससे हज़ारों पूर्व सैनिकों को उनके सेवाकाल के अनुरूप पेंशन में वृद्धि का सीधा लाभ मिला है। यह नीतिगत संवेदनशीलता न केवल उत्तराखण्ड की सैन्य विरासत को सम्मान देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि धामी सरकार वीरता को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि ठोस कार्यों में जी रही है। यह सुचिता आधारित राष्ट्रसेवा का वास्तविक उदाहरण है।