उत्तराखंड

विकास की सुचिता: मोदी-धामी की जोड़ी ने रखी उत्तराखण्ड के स्वर्णिम भविष्य की नींव

देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड के विकास की जो सुचिता आधारित रोडमैप तैयार किया है, वह केवल वर्तमान नहीं, बल्कि आगामी दशकों की बुनियाद है। नीति आयोग द्वारा जारी SDG (सतत विकास लक्ष्य) इंडिया इंडेक्स 2023-24 में उत्तराखण्ड ने 79 अंकों के साथ देशभर में पहला स्थान प्राप्त कर एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। राज्य के दोनों प्रमुख तीर्थ श्री केदारनाथ और श्री बदरीनाथ धाम का पुनर्निर्माण ऐतिहासिक गति से आगे बढ़ रहा है। श्री केदारनाथ धाम में ₹750 करोड़ से पुनर्निर्माण कार्य प्रगति पर है, वहीं श्री बदरीनाथ धाम के लिए ₹550 करोड़ की महानिर्माण योजना पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। इसके साथ ही कुमाऊं क्षेत्र के धार्मिक स्थलों के पुनरुद्धार के लिए मानसखण्ड मंदिर माला मिशन चलाया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ₹2430 करोड़ की लागत से गौरीकुंड–केदारनाथ और गोविंदघाट–हेमकुण्ट साहिब रोपवे का निर्माण भी प्रारंभ हो गया है, जिससे दुर्गम यात्राएं सहज और सुरक्षित होंगी।

₹16,000 करोड़ से अधिक की लागत वाली 125 किमी लंबी ऋषिकेश–कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर कार्य तीव्र गति से चल रहा है, जो पर्वतीय क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था और कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। चारधाम ऑलवेदर रोड परियोजना अपने अंतिम चरण में है, जबकि दिल्ली–देहरादून एलिवेटेड रोड का लोकार्पण शीघ्र होने जा रहा है। यातायात को गति देने हेतु मझौला–खटीमा और सितारगंज–टनकपुर मार्गों को फोरलेन किया जा रहा है। हवाई संपर्क के विस्तार में भी राज्य अग्रणी बना है 13 हेलीपोर्ट, जौलीग्रांट अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट और पंतनगर ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के उन्नयन कार्य तेज़ी से प्रगति पर हैं। शहरी विकास में अमृत योजना के अंतर्गत ₹593 करोड़ की लागत से 7 शहरों में 151 योजनाएं (जल, सीवरेज, ड्रेनेज) चलाई जा रही हैं। जल जीवन मिशन के तहत हर घर को ₹1 में जल कनेक्शन, लिफ्ट इरिगेशन की योजनाएं, जमरानी बांध परियोजना की स्वीकृति और सौंग नदी परियोजना को केंद्र से मंजूरी जैसे कदम राज्य को विकास के अगले पायदान पर ले जाने वाली संरचनात्मक क्रांति का प्रमाण हैं।

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