देहरादून: धामी सरकार ने उत्तराखण्ड की वित्तीय सेहत को न केवल संजीवनी दी, बल्कि उसे राष्ट्रीय मानचित्र पर अग्रणी बना दिया। छोटे राज्यों की श्रेणी में राज्य ने वित्तीय प्रदर्शन में गोवा के बाद द्वितीय स्थान प्राप्त किया, जो मुख्यमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व का जीवंत प्रमाण है। राज्य का वार्षिक बजट ₹1 लाख करोड़ के पार पहुंच गया है। ₹3.56 लाख करोड़ के निवेश समझौते हुए, जिनमें से ₹1 लाख करोड़ के प्रस्ताव धरातल पर आ चुके हैं। राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को नया आयाम देने के लिए हरिद्वार, पंतनगर, सितारगंज और कोटद्वार में औद्योगिक क्षेत्रों का विस्तार किया है, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार और प्रदेश को राजस्व में बड़ी वृद्धि मिल रही है।
काशीपुर में एरोमा पार्क और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना और खुरपिया फार्म को स्मार्ट औद्योगिक शहर के रूप में विकसित करना, उत्तराखण्ड को हाई-वैल्यू इंडस्ट्रीज का नया गढ़ बना रहा है। सरकार ने 50 MSME क्लस्टर के साथ-साथ नई MSME, लॉजिस्टिक्स और स्टार्टअप नीतियों को लागू कर युवा उद्यमियों और स्वरोजगार की दिशा में ठोस रास्ते खोले हैं। यह औद्योगिक परिवर्तन केवल आर्थिक विकास नहीं बल्कि एक आत्मनिर्भर और नवाचार आधारित उत्तराखण्ड की मजबूत नींव है।