विशेष संयोग में आएंगे नवरात्र, शुक्रवार का शुभ योग देगा सिद्धि व सफलता
एजेन्सी/ इस बार बसंत नवरात्र शुक्रवार (8 अप्रेल 2016) को शुरू होकर शुक्रवार (15 अप्रेल 2016) को ही समाप्त हो रहे हैं। शुक्रवार मां लक्ष्मी का वार होने होने से इस बार नवरात्र में देवी की आराधना सुख-समृद्धि देने वाली रहेगी। इस नवरात्र में तृतीया तिथि के क्षय के कारण इस बार देवी आराधना का पर्व काल आठ दिन का ही रहेगा।
ज्योतिषियों की माने तो कई सालों बाद चैत्र नवरात्र दिव्य संयोग में आ रहे हैं। साधना, सिद्धि, खरीदारी तथा मांगलिक कार्यों के लिए नवरात्र के आठ दिन श्रेष्ठ हैं। ज्योतिषाचार्य पं. राजकुमार चतुर्वेदी के अनुसार शुक्रवार के दिन अश्विनी नक्षत्र तथा सर्वार्थ सिद्धि योग के संयोग में चैत्र नवरात्र का शुभारंभ हो रहा है।
शुक्रवार को शुभ योग में अश्विनी नक्षत्र का होना माता लक्ष्मी की कृपा को दर्शाता है। इस नवरात्र में लक्ष्मी प्राप्ति के लिए साधना तथा संकल्प की सिद्धि आराधकों को देवी कृपा से सहज ही प्राप्त होगी। सालों बाद नवरात्र के आठ दिन कोई न कोई विशिष्ट योग का होना शुभ व मांगलिक कार्यों के लिए भी श्रेष्ठ माना जा रहा है।
नवरात्र में बन रहे विशेष संयोग
इस बार नवरात्र में अमृतसिद्ध योग, पुष्य योग बन रहा है। प्रतिपदा व अष्टमी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा जो मनोवांछित संकल्पों की सिद्धि के लिए साधना, खरीदारी व नवीन कार्यों के आरंभ के लिए श्रेष्ठ रहेगा। चतुर्थी पर रात्रि में रवियोग वनस्पति तंत्र की जागृति के लिए शुभकारी रहेगा।
11 अप्रेल पंचमी को रात्रि में अमृत सिद्धि योग बन रहा है, जो सुख-समृद्धि तथा कामनाओं की पूर्ति के लिए देवी की आराधना करना श्रेष्ठकर रहेगा। षष्ठी, सप्तमी व नवमी पर रवि योग रहने से स्वर्ण, रजत, वाहन आदि की खरीदारी के लिए दिन शुभ रहेगा।
नवमी के दिन गुरुपुष्य नक्षत्र एवं अमृतसिद्धि योग होने से हर प्रकार की खरीदी, गृह प्रवेश, गृह आरंभ, नवीन प्रतिष्ठान व उद्योग आदि की स्थापना के लिए श्रेष्ठ मुहूर्त रहेगा।