पति को हुआ लकवा, तभी तन्हाई में डूबी पत्नी के करीब आया गैर मर्द और फिर आगे जो हुआ…

नई दिल्ली। देश में लगातार प्रेम संबंधों के चक्कर में पतियों की हत्या के चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र के नागपुर से एक और हृदय विदारक और हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पति को लकवा हुआ था और वह काफी समय ने इस बीमारी से ग्रस्त था। तभी इसी बीच पत्नी की तन्हा जिंदगी में गैर मर्द की एंट्री हुई और फिर प्रेम संबंध के चलते पत्नी ने एक ऐसी वारदात को अंजाम दिया जिसे जानकर आप दंग रह जाएंगे।
क्या है पूरा मामला?
पुलिस के अनुसार 30 वर्षीय आरोपी महिला का नाम दिशा रामटेक है। दिशा का पति चंद्रसेन लकवे का शिकार था और उसका इलाज चल रहा था। इसी दौरान दिशा अपने आशिक आसिफ उर्फ राजा बाबू टायरवाला के संपर्क में आई। जल्द ही दिशा और आसिफ के रिश्ते में चंद्रसेन एक बड़ी रुकावट बन गया। जब चंद्रसेन को अपनी पत्नी और आसिफ के नाजायज़ संबंधों के बारे में पता चला तो पति-पत्नी के बीच इस बात पर जमकर विवाद शुरू हो गया।
पत्नी ने पकड़ा और प्रेमी ने घोंटा गला
अपने पति से छुटकारा पाने और अपने प्रेम संबंध को जारी रखने के लिए दिशा और आसिफ ने मिलकर एक खौफनाक साज़िश रची। एक दिन जब चंद्रसेन सो रहा था उन्होंने उसकी हत्या की योजना बनाई। दिशा ने अपने पति को बिस्तर पर कसकर पकड़ लिया जबकि आसिफ ने उसका चेहरा दबा दिया और गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद महिला ने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की और दावा किया कि उसके पति की मौत उसकी बीमारी के कारण हुई है।
पोस्टमार्टम से खुला राज, दोनों आरोपी गिरफ्तार
हालांकि पुलिस की जांच और मृतक के पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने सारा सच सामने ला दिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट हुआ कि चंद्रसेन की मौत बीमारी से नहीं बल्कि गला घोंटने के कारण हुई है। पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो आरोपी महिला दिशा ने अपना गुनाह कबूल कर लिया। नागपुर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी महिला दिशा रामटेक और उसके प्रेमी आसिफ उर्फ राजा बाबू टायरवाला दोनों को गिरफ्तार कर लिया है।
यह मामला हाल ही में मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए एक ऐसे ही हत्याकांड की याद दिलाता है जहां कारोबारी राजा रघुवंशी की उसकी पत्नी सोनम रघुवंशी ने अपने प्रेमी राज कुशवाहा के साथ मिलकर हत्या करा दी थी। नागपुर की यह घटना एक बार फिर रिश्तों में आ रहे गिरावट और जघन्य अपराधों के बढ़ते ग्राफ पर गंभीर सवाल खड़े करती है।