लो आ गया सावन, दुर्लभ योगों में शिव आराधना

इन्दौर। भोलेनाथ (Bholenath) की भक्ति और आराधना का 30 दिवसीय पवित्र श्रावण (Sawan) मास 11 जुलाई से 9 अगस्त तक रहेगा। मास की शुरुआत आयुष्मान, सौभाग्य और प्रीति योग में होगी। इसके साथ ही शिव पूजन (shiv pujan) के खास दिन चार श्रावण सोमवार पर गजकेसरी, बुधादित्य, सर्वार्थ एवं अमृतसिद्धि योग बनेंगे। इससे भोलेनाथ के भक्तों में उत्साह छाया हुआ है।
शहर के भूतेश्वर महादेव मंदिर पंचकुइया, जबरेश्वर महादेव राजबाड़ा, गेंदेश्वर शिवधाम परदेशीपुरा, गुटकेश्वर महादेव मंदिर किला मैदान, गांधी हॉल गोपेश्वर महादेव, कांटाफोड़ शिवालय, गुमाश्ता नगर महादेव मंदिर, गीता भवन, अन्नपूर्णा मंदिर, विद्याधाम सहित सभी शिव मंदिरों में सावन के अनुष्ठानों के लिए जोरदार तैयारियां की गई हैं। भक्तों को शिव आराधना के लिए पूरे 30 दिन मिलेंगे। सभी शिवभक्तों को इस महीने का बेसब्री से इंतजार रहता है। पहले श्रावण सोमवार पर गजकेसरी, दूसरे पर सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, बुधादित्य योग, तीसरे सोमवार पर रवि योग एवं अंतिम सोमवार पर सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा। मराठी एवं गुजराती समाज के श्रावण मास हिंदू पंचांगों के 15 दिन बाद शुरू होते हैं। 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या के अगले दिन श्रावण शुक्ल पक्ष की एकम 25 जुलाई से मराठी समाज के श्रावण माह की शुरुआत होगी। इसी तरह गुजराती समाज के श्रावण मास भी इसी दिन से शुरू होंगे। महाराष्ट्रीयन एवं गुजराती समाज के श्रावण सोमवार 28 जुलाई, 4 अगस्त, 11 अगस्त एवं 18 अगस्त को होंगे। शहर और प्रदेश की सबसे बड़ी कावड़ यात्रा की तैयारियां विधायक गोलू शुक्ला के मार्गदर्शन में की गई हैं।
सावन को तिथि और शुभ योग मंगलमय बनाएंगे
14 जुलाई को सावन का पहला सोमवार होगा, जिसमें स्वाति नक्षत्र और सिद्ध योग का शुभ संयोग होगा। 21 जुलाई को सावन का दूसरा सोमवार रोहिणी नक्षत्र में चंद्रमा का गोचर शुक्र की राशि वृषभ में होगा। 28 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा। 4 अगस्त को सावन माह के आखिरी सोमवार के दिन सर्वार्थसिद्धि योग, ब्रह्राा और इंद्र योग का निर्माण होगा।
सावन में मासिक शिवरात्रि का बड़ा महत्व
वैसे तो हर माह मासिक शिवरात्रि आती है, लेकिन सावन के महीने में पडऩे वाली शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। इस वर्ष श्रावण माह की शिवरात्रि 23 जुलाई को है। ऐसे में सावन शिवरात्रि पर शिव आराधना करना अत्यंत ही फलदायी साबित होगा। वैदिक पंचांग के अनुसार चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 23 जुलाई को सुबह 4 बजकर 39 मिनट पर होगी और इसका समापन 24 जुलाई को सुबह 2 बजकर 28 मिनट पर होगा।