ट्रंप ने 14 देशों को भेजा 25% से 70% तक के टैरिफ लगाने का पत्र, वैश्विक व्यापार में हलचल

वाशिंगटन। अमेरिका (America) के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) ने एक बार फिर आयात शुल्क (टैरिफ) (Import duty – tariff) की आड़ में वैश्विक व्यापार को हिला देने वाला कदम उठाया है। इस बार उन्होंने 14 देशों को पत्र भेजकर 25% से 70% तक के टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि 1 अगस्त से ये दरें लागू हो जाएंगी और किसी भी देश को विस्तार नहीं मिलेगा। ट्रंप ने मंगलवार को अपने कैबिनेट की बैठक में कहा, “पहले के राष्ट्रपति मूर्ख थे जिन्होंने टैरिफ नहीं लगाए। व्यापार समझौते (Trade Agreements) करना बहुत समय लेने वाला है, इसलिए हम बस उन्हें पत्र भेजते हैं।”
उनकी “लेटर डिप्लोमेसी” की यह नई रणनीति अप्रैल में घोषित लिबरेशन डे के विपरीत है, जब उन्होंने टैरिफ की दरें पोस्टरबोर्ड पर प्रदर्शित की थीं, जिससे बाजारों में हलचल मच गई थी। अबकी बार उन्होंने रैंडम कैपिटलाइजेशन और गलत विराम चिन्हों से भरे पत्र भेजे हैं, जिनमें कुछ उत्पादों पर 60% से 70% तक टैरिफ का जिक्र है। इसके तीन संभावित परिणाम बताए जा रे हैं। ट्रंप की बात सच साबित हो और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में टैरिफ की वजह से विकास हो सकता है। वह फिर पीछे हट सकते हैं, जैसा कि पहले भी कई बार हुआ है। इसके कारण उनके आलोचक उन्होंने TACO कहते हैं। जिसका अर्थ होता है Trump Always Chickens Out। ट्रंप की इस नई नीति से अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच सकता है।
कौन-कौन से देश प्रभावित?
ट्रंप जापान, दक्षिण कोरिया, मलेशिया, थाईलैंड, कंबोडिया, म्यांमार, दक्षिण अफ्रीका, और लाओस जैसे देशों पर टैरिफ लगा चुके हैं। दवा उत्पादों पर 200% तक टैरिफ लगाने की भी संभावना जताई गई है।
आलोचकों की चिंता
सीनेटर रॉन वेडन ने कहा, “ट्रंप का TACO तरीका उनके खतरों को अविश्वसनीय बना रहा है। इसका असर व्यापार वार्ताओं पर पड़ रहा है।” एक अर्थशास्त्री वेंडोंग झांगने कहा, “जब आप 40% से 100% टैरिफ की बात करते हैं, तो 25% टैरिफ सामान्य लगने लगता है। लेकिन यह आज तक का सबसे बड़ा और अस्थिर टैक्स हमला है।” अमेरिकन एंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के डेसमंड लैकमैन ने आलोचना करते हुए कहा, “यह नीति अव्यवस्थित और बिना किसी रणनीति के चलाई जा रही है।”
सरकार के क्या हैं मत
कैबिनेट बैठक में ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने दावा किया कि 2025 के अंत तक 300 अरब डॉलर से ज्यादा टैरिफ राजस्व आ सकता है। उनका मानना है कि CBO का अनुमान बहुत कम है। आपको बता दें कि सोमवार को बाजारों में गिरावट के बाद मंगलवार को स्थिर रहा। विशेषज्ञ मानते हैं कि निवेशक इस बात पर आश्वस्त हैं कि या तो ट्रंप पीछे हटेंगे या कुछ समझौते हो जाएंगे।