हिमाचल प्रदेश के मौसम पर बड़ा अपडेट, 7 दिन लगातार होगी बारिश; 247 सड़कें बंद

Himachal Pradesh Mausam: हिमाचल प्रदेश में मानसून का दौर और तेज़ हो गया है। मौसम विभाग ने आगामी 18 जुलाई तक प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में भारी वर्षा की चेतावनी जारी करते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। बीती रात मंडी, बिलासपुर और हमीरपुर जिलों में जोरदार बारिश दर्ज की गई जबकि रोहतांग दर्रा और मनाली की ऊँची चोटियों पर हल्की ताज़ा बर्फबारी से तापमान में गिरावट आई है। शनिवार को राज्य के अधिकांश क्षेत्रों में आसमान में बादल छाए हैं, वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से 0.6 डिग्री कम दर्ज हुआ।
कहां कितनी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार मंडी की मुरारी देवी में सर्वाधिक 126 मिलीमीटर बारिश दर्ज हुई, पंडोह में 79 मिलीमीटर, बिलासपुर के सलापड़ में 67, कोठी में 40, मंडी और जोगिन्दरनगर में 53, भुंतर में 47, भराड़ी में 40, सराहन में 35 और नेरी में 34 मिलीमीटर वर्षा हुई।
247 सड़कें बंद
भारी बारिश से राज्य भर में सड़क, बिजली और पानी की व्यवस्था प्रभावित हुई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शनिवार सुबह तक भूस्खलन और अन्य कारणों से दो नेशनल हाईवे एनएच-003 और एनएच-21 समेत कुल 247 सड़कें आवाजाही के लिए बंद पड़ी हैं, 463 बिजली ट्रांसफार्मर ठप हो गए हैं और 781 पेयजल योजनाएं बाधित हुई हैं। सबसे अधिक असर मंडी जिले में देखने को मिला है, जहां दो नेशनल हाइवे के अलावा 207 सड़कें, 272 ट्रांसफार्मर और 175 पानी की योजनाएं प्रभावित हैं। मंडी के सिराज, गोहर और करसोग इलाकों में 30 जून की रात बादल फटने की घटनाओं से जनजीवन अस्त व्यस्त है। कांगड़ा जिले में 606 पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं और हमीरपुर में 166 ट्रांसफार्मर ठप होने से बिजली संकट गहरा गया है।
इस मानसून सीजन में अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में 92 लोगों की जान जा चुकी है, 33 लोग लापता हैं और 172 लोग घायल हुए हैं। आपदा से सबसे ज्यादा मंडी में 21 मौतें हुई हैं, जबकि कांगड़ा में 14, कुल्लू में 10, चम्बा में 9 और बिलासपुर में 7 लोगों की मौत हुई है। इसके अलावा करीब एक हजार कच्चे-पक्के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, 184 दुकानें और 779 गौशालाएं भी तबाह हो चुकी हैं। मानसून में अब तक 21500 पोल्ट्री पक्षियों और 953 पशुओं की भी मौत हुई है।
20 जून से अब तक प्रदेश में फ्लैश फ्लड की 31, बादल फटने की 22 और भूस्खलन की 17 घटनाएं हो चुकी हैं। रिपोर्ट के अनुसार मानसून सीजन में प्रदेश को अब तक लगभग 751 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। इसमें सबसे अधिक क्षति जलशक्ति विभाग को 408 करोड़ रुपये और लोक निर्माण विभाग को 327 करोड़ रुपये की हुई है।