चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने लॉन्च किया ‘कैंपस टैंक’, देश के युवाओं को ऐसे बनाएगा सशक्त

चंडीगढ़: चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने ‘अपना’ और ‘वेंचर कैटेलिस्ट्स’ के साथ मिलकर भारत का पहला विश्वविद्यालय-संचालित स्टार्टअप लॉन्च पैड, ‘कैंपस टैंक’ लॉन्च किया है. यह कार्यक्रम युवा उद्यमियों को 1 मिलियन डॉलर के निवेश, मार्गदर्शन, और इनक्यूबेशन सुविधाएं प्रदान करेगा. कैंपस टैंक का उद्देश्य 2047 तक भारत के विकास में योगदान देने के लिए एक नई पीढ़ी के उद्यमियों का निर्माण करना है.चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में राज्य सभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने ‘कैंपस टैंक’ का शुभारंभ किया. उन्होंने कहा कि भारत के युवा और प्रतिभाशाली उद्यमियों के लिए एक सशक्त मंच के रूप में, कैंपस टैंक समस्या- सुलझाने, सपने देखने और कर्मठ लोगों की अगली पीढ़ी को सामने लाएगा.
चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी ने पहली बार लॉन्च किया ‘कैंपस टैंक’
भारत के स्टार्टअप संस्थापकों की नई पीढ़ी को सशक्त बनाने के लिए कैंपस टैंक लॉन्च किया है. जहां युवा इनोवेटर्स अपने आइडिया को पेश कर विशेषज्ञों से गाइडेंस, रणनीतिक स्ट्रेटेजिक इकोसिस्टम गठबंधन और इमर्सिव स्टार्टअप इनक्यूबेशन के साथ-साथ अपने स्टार्टअप शुरू करने के लिए फंडिंग प्राप्त कर सकते हैं. कैंपस टैंक ((https://apna.co/contests/campus-tank-2025) का पोर्टल भी लॉन्च कर दिया गया है.
कैंपस टैंक में क्या होगा खास?
कैम्पस टैंक के पोर्टल के जरिए 14 अगस्त तक 30 साल से कम आयु के फाउंडर्स और को-फाउंडर्स रजिस्ट्रेशन कर अपने स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए 1 मिलियन डॉलर के प्रतिबद्ध फंड से निवेश के लिए कॉम्पिटिशन करेंगे. चुने गए स्टार्टअप्स को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी में आयोजित होने वाले डेमो डे पर वीकैट्स के निवेशकों के सामने अपने आइडिया पेश करने का मौका मिलेगा.
चयनित टीमों को चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी द्वारा संचालित क्यूब फाउंडर्स स्पेस से इनक्यूबेशन सहायता और प्रशिक्षण एवं मास्टर कक्षाओं के माध्यम से संस्थापकों और विशेषज्ञों से सीखने का अवसर मिलेगा. कार्यक्रम में इंडस्ट्री लीडर्स की तरफ से लाइव मूल्यांकन और संभावित फंडिंग की घोषणाएं होंगी.
कैंपस टैंक से मिलेगी विकास को गति- सतनाम सिंह संधू
राज्यसभा सांसद और चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी के चांसलर सतनाम सिंह संधू ने कहा कि यह पहल स्टार्टअप्स को उनके विकास में समर्थन देकर अगली पीढ़ी के उद्यमियों को सशक्त बनाती है. नवाचार और डिजाइन को बढ़ावा देने वाली यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2016 में शुरू की गई स्टार्टअप इंडिया पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य आर्थिक विकास को गति देना और बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा करने के लिए एक संपन्न स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाना है.
सतनाम सिंह संधू ने कहा, “कैंपस टैंक के लिए चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, अपना और वेंचर कैटालिस्ट्स का यह सहयोग स्टार्टअप इकोसिस्टम को मज़बूती देगा. आर्थिक विकास को बढ़ाएगा और भावी इनोवेटर्स को सशक्त बनाएगा. मुझे यकीन है कि कैंपस टैंक युवा नवप्रवर्तकों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देकर एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाएगा और केंद्र सरकार के चीन को पछाड़ते हुए भारत को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनाने तथा 2047 तक 1,000 यूनिकॉर्न के लक्ष्य में सहयोग देगा.
नौकरी लेने वाले नहीं देने वाले युवा
सांसद ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में 1.76 लाख से अधिक स्टार्टअप के साथ दुनिया के तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप इकोसिस्टम के रूप में खुद को स्थापित किया है. जबकि 2016 में यह संख्या मात्र 500 थी. आज देश में 118 यूनिकॉर्न हैं, जिनका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर से अधिक है. भारत के युवा अब नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता बन रहे हैं. इसी बदलाव के चलते स्टार्टअप ने बीते दशक में 18 लाख से ज़्यादा प्रत्यक्ष रोजगार उत्पन्न किए हैं, जिनमें 51% से अधिक छोटे शहरों से हैं. कैंपस टैंक जैसी पहलों के ज़रिए हमारा लक्ष्य विकास को गति देकर उनको बढ़ाना है.
1 मिलियन डॉलर तक की फंडिंग- ऋषभ गोलछा
वेंचर कैटालिस्ट्स के फाउंडिंग मेंबर और मैनेजिंग पार्टनर, ऋषभ गोलछा ने कहा,”भारत के उभरते संस्थापक पहले ही हॉस्टल, कैफ़े और गैरेज में निर्माण कर रहे हैं. कैंपस टैंक उन्हें जल्द पहचानने और समर्थन देने का हमारा तरीका है. यह प्लेटफ़ॉर्म 30 साल से कम उम्र के युवा फाउंडर्स के लिए है जो साहसिक विचारों के साथ वास्तविक समस्याओं का हल ढूंढ़ रहे हैं. हम 1 मिलियन डॉलर तक की फंडिंग, मेंटरशिप और नेटवर्क के जरिए उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रहे हैं. चाहे वे छात्र हों, ग्रेजुएट या प्रोफेशनल—उनमें सिर्फ़ नया बनाने का जज़्बा मायने रखता है. कैंपस टैंक एक लम्बी संस्थापक यात्रा की शुरुआत है, और हम इन सपनों को हकीकत में बदलने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.”