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गडकरी के हाथों पुल का उद्घाटन, कार्यक्रम का बहिष्कार करने वाले सिद्धरमैया का PM को पत्र

नई दिल्ली: सोमवार को कर्नाटक के शिवमोगा जिले में देश के दूसरे सबसे लंबे केबल पुल सिगंदूर पुल का उद्घाटन केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने किया. इस उद्घाटन का बहिष्कार कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने किया. पीएम मोदी को सिद्धारमैया ने पत्र लिखकर केंद्र सरकार पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया.

कांग्रेस नेता ने लेटर में आरोप लगाया कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य सरकार को पहले बिना सूचना के शिवमोग्गा जिले के सागरा तालुक में एक कार्यक्रम आयोजन किया, उन्हें बिना जानकारी दिए कार्यक्रम के निमंत्रण पत्र में उनका नाम शामिल किया गया. राज्य की सहमति के बिना मंत्रालय का इस कार्यक्रम को करना मनमानी दिखाता है. जो कि सहकारी संघवाद की मूल भावना के खिलाफ है. सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया.

उन्होंने कहा कि 11 जुलाई को गडकरी से बातचीत के दौरान विजयनगर जिले के इंडी तालुक में इस कार्यक्रम को स्थगित करने का आग्रह भी किया था. मंत्री के कार्यक्रम को स्थगित करने पर सहमति देने के बाद भी विज्ञापन के अनुसार आयोजन हुआ.

सिद्धारमैया ने पीएम को लिखे पत्र में क्या कहा?
सिद्धारमैया ने अपने पत्र में लिखा, “मैं आपका ध्यान इस तरफ दिलाना चाहता हूं कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 14 जुलाई को कर्नाटक के शिवमोगा जिले के सागर तालुक स्थित नेहरू मैदान में एक समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनी 88 किलोमीटर लंबी 9 राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है.”

उन्होंने आगे कहा की राज्य से परामर्श न लेकर प्रोटोकॉल का उल्लंघन तो किया ही, इसके साथ ही , उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर फरीद और राज्य विधान परिषद के सभापति बसवराज होरट्टी के नामों से पहले ही पूर्व CM येदियुरप्पा का नाम छाप दिया गया. कर्नाटक सरकार इसका विरोध करती है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि सिगांडूर पुल के निर्माण की योजना सबसे पहले राज्य सरकार ने 2013 में बनाई थी, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने लागू किया, उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी रिपोर्ट के अनुसार परियोजना अभी अधूरी है, ऐसे में कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जाना चाहिए था.

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