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भारत ईएफटीए देशों से 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने के लिए तैयार: पीयूष गोयल

मुंबई (अनिल बेदाग) : केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने मुंबई में एसोचैम प्रबंध समिति की बैठक में कहा कि भारत विदेशी निवेश के लिए एक प्रमुख गंतव्य बना हुआ है और चार यूरोपीय देशों – नॉर्वे, स्विट्जरलैंड, लिकटेंस्टीन और आइसलैंड – से 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) आकर्षित करने की संभावना है। इस अवसर पर मंच पर एसोचैम के अध्यक्ष संजय नायर और एसोचैम के पूर्व अध्यक्ष एवं जेएसडब्ल्यू समूह के अध्यक्ष सज्जन जिंदल भी मौजूद थे। श्री गोयल ने यह भी कहा कि ईएफटीए-भारत एफटीए समझौता 1 अक्टूबर, 2025 से प्रभावी होगा।

उन्होंने बैठक में उपस्थित एसोचैम सदस्यों से प्रतिस्पर्धी बने रहने और इन एफटीए का लाभ उठाने के लिए पैमाने और गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया। उन्होंने प्रतिस्पर्धी बने रहने के लिए नवाचार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

इस कार्यक्रम में भारतीय उद्योग जगत के प्रमुख सीईओ ने भाग लिया, जिनमें वेलस्पन वर्ल्ड के अध्यक्ष श्री बी. के. गोयनका, हीरानंदानी समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष डॉ. निरंजन हीरानंदानी, भारतीय परिवहन निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री विनीत अग्रवाल, एम. के. सांघी समूह के अध्यक्ष श्री एम. के. सांघी, कनोरिया फाउंडेशन के ट्रस्टी श्री सुनील कनोरिया, नाइका की सीईओ सुश्री फाल्गुनी नायर, एल कार्टरटन इंडिया के कार्यकारी अध्यक्ष श्री संजीव मेहता, आरपीजी समूह के उपाध्यक्ष श्री अनंत गोयनका और एपीएसी फाइनेंशियल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक श्री गुनीत चड्ढा आदि शामिल थे।

इस कार्यक्रम में बोलते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि एफडीआई प्रतिबद्धता आने वाले वर्षों में दस लाख प्रत्यक्ष रोज़गार भी पैदा करेगी और स्विस एसएमई के भारतीय बाज़ारों में प्रवेश के माध्यम से प्रौद्योगिकी और नवाचार को बढ़ावा देगी।

मंत्री महोदय ने कहा, “मेरा अनुमान है कि 100 अरब डॉलर का एफडीआई, भारतीय प्रमोटर इक्विटी के साथ, जब आपकी कंपनियों में आएगा, तो यह भारत में ब्राउनफ़ील्ड या ग्रीनफ़ील्ड में कम से कम 500 अरब डॉलर के निवेश को बढ़ावा देगा।”

एक महत्वपूर्ण पहल का हवाला देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि कैबिनेट ने देश में अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देने के लिए एक नवाचार कोष के लिए ₹1 लाख करोड़ मंजूर किए हैं।

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