एजेन्सी/फोन की बजाए जो लोग मेल से रेस्टोरेंट में बुकिंग कराते हैं उनकी अपेक्षा फोन करने वालों को ज्यादा तरजीह दी जाती है। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इमेल से टेबल बुक कराने वाले बॉलगर या फिर रिव्यूअर हो सकते हैं जोकि इनके लिए बड़ी परेशानी होते हैं। साथ इन लोगों को पकड़ना मुश्किल होता है अगर ये पेमेंट नहीं करते हैं।
ज्यादातर रेस्टोंरेट बहुत कम टेबेल बुक करने का ऑपशन देते हैं। या फिर बहुत कम ही सीटे बुक करते है लगभग 20 प्रतिशत तक। क्योंकि बुकिंग कराने वाले लंबे समय तक बैठते हैं जबकि जो लोग खुद चलकर आते हैं उनसे वो सीट तीन बार भर सकती है। ऐसे में रेस्टोरेंट आने वाले कस्टमरों को ज्यादा तरजीह दी जाती है बुकिंग वालों से।
रेस्टोरेंट सीट देने के मामले में भी काफी चालाकी दिखाते हैं। खूबसूरत औरतों और मशहूर लोगों को सबसे आगे की सीट देते हैं और कपल्स और कामकाज वाले बिजनेसमैन को पीछे की सीट देते हैं।
कई रेस्टोरेंट आपको मैन्यू के झांसे में आपको फंसाते हैं। वास्तव में ये खुद से ऐसा मैन्यू तैयार करते हैं जिससे आप मजबूर होकर वहीं ऑर्डर करें जो वो चाहते हैं।
आपने खुद भी ध्यान दिया होगा कि अक्सर मैन्यू महिलाओं की तरफ पहले दिया जाता है। इसलिए कि उन्हें आसानी से आर्डर के लिए आकर्षित किया जा सकता है क्योंकि उन्हें ज्यादा जानकारी होती है।
रेस्टोरेंट के बाहर लगा बोर्ड अगर बता रहा है कि आज क्या स्पेशल है तो ये एक छलावा ही है। ये मैन्यू वास्तव में उन चीजों के लिए होता है जो हिसाब में ज्यादा बन गई हो। लेकिन ऐसा नहीं होता कि ऐसा हमेशा होता है। कई बार सही में कुछ स्पेशल होता है लोगों को आकर्षित करने के लिए।
साइड डिशेज रेस्टोरेंट के लिए सबसे फायदे का सौदा होते हैं। क्योंकि इन्हें बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता है और ना ही खर्च आता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि जो खाना आपको परोसा जाता है वो खाना शेफ्स को बामुश्किल मिल पाता है खाने को।