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क्या बिना गांठ के भी हो सकता है Breast Cancer? दिखें ये लक्षण तो हो जाएं सावधान

नई दिल्ली: हर साल आज के दिन यानि 18 अगस्त को विश्व स्तन कैंसर अनुसंधान दिवस (World Breast Cancer Research Day) मनाया जाता है। यह दिन ब्रेस्ट कैंसर की समय पर पहचान और अनुसंधान की जरूरत को रेखांकित करता है। ब्रेस्ट कैंसर, जो दुनिया भर में महिलाओं में सबसे आम कैंसर बन चुका है, अब एक वैश्विक स्वास्थ्य चुनौती बन गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, साल 2022 में स्तन कैंसर के 23 लाख से अधिक नए मामले सामने आए, जिनमें करीब 6.7 लाख मौतें हुईं। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि यही गति बनी रही तो वर्ष 2050 तक ये आंकड़े 32 लाख नए मामलों और 11 लाख मौतों तक पहुंच सकते हैं।

गांठ नहीं, फिर भी हो सकता है ब्रेस्ट कैंसर!
आमतौर पर लोग मानते हैं कि स्तन में गांठ ही ब्रेस्ट कैंसर का पहला संकेत है, लेकिन चिकित्सकीय शोध इससे उलट कहानी बताते हैं। कई मामलों में स्तन कैंसर बिना किसी स्पष्ट गांठ के भी हो सकता है। कुछ कैंसर जैसे डक्टल कार्सिनोमा इन सीटू (DCIS) और लोब्युलर कार्सिनोमा में गांठ नहीं बनती है और ये केवल नियमित मैमोग्राम के जरिए ही पहचाने जाते हैं। एक शोध के अनुसार, हर 6 में से 1 महिला को ऐसे लक्षणों के आधार पर कैंसर का पता चलता है, जो गांठ से अलग होते हैं।

गांठ से इतर ब्रेस्ट कैंसर के संकेत

  • आकार में बदलाव: स्तन का अचानक बड़ा या असमान होना एक चेतावनी हो सकती है।
  • निप्पल में बदलाव: खून या सफेद तरल का स्राव, निप्पल का सिकुड़ना या उलटना।
  • त्वचा में बदलाव: जैसे गड्ढे पड़ना, लालिमा, पपड़ी बनना या खुजली होना।
  • सूजन व गर्मी: बिना गांठ के भी स्तन में तेज सूजन, गर्माहट और दर्द महसूस हो सकता है।
  • लिम्फ नोड्स में सूजन: बगल या कॉलरबोन के पास गांठें कैंसर के फैलाव का संकेत हो सकती हैं।

क्यों जरूरी है समय पर जांच?
मैमोग्राम और अन्य स्क्रीनिंग तकनीकों से ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआती स्तर पर लगाया जा सकता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी के अनुसार, यदि कैंसर को स्थानीय स्तर पर पकड़ लिया जाए तो इलाज के बाद जीवित रहने की दर लगभग 99% होती है।

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