देहरादूनः उत्तराखंड विधानसभा का विशेष सत्र दूसरे दिन भी हंगामे से भरा रहा। सदन में विपक्ष के भारी हंगामे के बीच सभी नौ विधेयक सदन में पारित हो गए है। सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, विपक्ष कांग्रेस ने नैनीताल के पंचायत चुनाव में कानून व्यवस्था के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा। कांग्रेस विधायकों ने पीठ के सम्मुख पहुंचकर नारेबाजी की और विधानसभा सचिव की मेज पर लगा माइक व टेबलेट तोड़ा एवं उनकी मेज भी पलट दी। पीठ की ओर पर्चे भी उछाले। यह क्रम लगातार बना रहा। नतीजतन, प्रश्नकाल हंगामे की भेंट चढ़ गया, जबकि शून्यकाल भी ठीक से नहीं चल पाया। स्थिति यह रही कि विधानसभा अध्यक्ष के बार-बार आग्रह के बावजूद जब कांग्रेस विधायक नहीं माने तो सदन की कार्यवाही आठ बार स्थगित करनी पड़ी।
ऐसे में हंगामे के बीच मात्र एक घंटा पैंतालीस मिनट ही सदन की कार्यवाही चल पाई। यद्यपि, इसी दौरान सरकार की ओर से 5315.39 करोड़ का अनुपूरक बजट और नौ विधेयक पेश किए गए। इसके साथ ही अन्य विधेयक भी बहुमत के साथ पारित हुए। इसमें समान नागरिक संहिता संशोधन विधेयक, उत्तराखंड पंचायतीराज संशोधन विधेयक, उत्तराखंड बद्री-केदार मंदिर संशोधन विधेयक, उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून विधेयक, उत्तराखंड निजी विश्वविद्यालय विधेयक, उत्तराखंड साक्षी संरक्षण विधेयक, उत्तराखंड अल्पसंख्यक शिक्षा विधेयक, उत्तराखंड लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक शामिल है।

मुख्यमंत्री बोले सरकार हर मुद्दे पर बहस के लिए तैयार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विपक्षी विधायकों द्वारा सदन में किए गए हंगामा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि विपक्ष विधानसभा, लोकसभा, निकाय चुनाव के बाद अब पंचायत चुनाव में मिली हार की खीज सदन के कामकाज पर उतार रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले दिन की कार्यवाई में जिस तरह से विपक्ष के विधायकों ने व्यवधान डाला वो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। सीएम ने कहा कि भराड़ीसैंण हम सबकी भावनाओं का केंद्र है, इसलिए सरकार ने मानसून के दौरान भी भराड़ीसैंण में सत्र आहूत करने का निर्णय लिया। तमाम विधायक और अधिकारी, सड़क मार्ग बंद होने की परेशानी उठाते हुए भी, यहां पहुंचे हैं। इसलिए सरकार चाहती है कि हर मुद्दे पर बहस हो, लेकिन विपक्ष ने कानून व्यवस्था पर चर्चा की आड़ में खुद ही सदन के अंदर व्यवस्था तोड़ने का काम किया है। उन्होंने कहा कि विपक्ष पंचायत चुनावों में मिली हार की खीज सदन के काम काज पर उतार रहा है।
चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष हुए
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि पंचायत चुनाव पूरी तरह निष्पक्ष हुए हैं, जहां कानून व्यवस्था संबंधित कुछ दिक्कतें आई, वहां सरकार ने तत्काल एक्शन भी लिया है। यदि चुनाव निष्पक्ष नहीं होते तो देहरादून और बाजपुर में कांग्रेस को जीत कैसे मिली। इसी तरह नैनीताल में भी अध्यक्ष भाजपा और उपाध्यक्ष कांग्रेस का जीता है। इससे साफ है कि चुनाव पारदर्शी तरीके से सम्पन्न हुए हैं। उन्होंने कांग्रेस पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि, विपक्ष देशभर में जहां जहां चुनाव हारता है, वहां इसी तरह कभी ईवीएम, चुनाव आयोग, सरकार से लेकर प्रशासन पर अनाप शनाप आरोप लगाता है। इसी भावना के तहत विपक्ष ने मंगलवार को मेज तोड़ने के साथ ही विधानसभा अध्यक्ष के सामने कागज के पुतले फेंकने का काम किया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।
विपक्ष के सुझावों का स्वागत
सीएम ने कहा कि सरकार मौजूदा सत्र में अनूपुरक बजट के साथ ही कई अहम विधेयक पेश करने जा रही है। सभी अल्पसंख्यक वर्गों के शिक्षण संस्थानों को लाभ देने के लिए सरकार उत्तराखंड अल्पसंख्यक शैक्षिक संस्थान विधेयक, 2025, ला रही है। इससे जहां अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों मे शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, वहीं काम काज में भी पारदर्शिता आएगी। विपक्ष इस पर चर्चा में भाग लेकर अपने सुझाव दे सकता है, जिसे सरकार स्वीकार करने को तैयार है।

आपदा में भी विपक्ष नकारात्मक
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में आई आपदा के दौरान भी सरकार ने ग्राउंड जीरो पर रहते हुए, राहत एवं बचाव अभियान चलाया। सरकार धराली सहित सभी क्षेत्रों के लिए राहत पैकेज की तैयारी कर रही है। लेकिन विपक्ष इस पर भी सिर्फ नकारात्मकता ही देख रहा है।