पंजाब

हंसना-हंसाना छोड़ गए जसविंदर भल्ला, प्रोफेसर से लेकर कॉमेडियन बनने तक का सफर, जानें क्या थी मौत की वजह?

मुंबई। पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर कॉमेडियन और अभिनेता जसविंदर भल्ला का 65 साल की उम्र में निधन हो गया है। उनके निधन से पंजाबी सिनेमा और दर्शकों के बीच शोक की लहर है। अपनी अद्भुत कॉमिक टाइमिंग और शानदार अदाकारी के लिए जाने जाने वाले जसविंदर भल्ला ने गुरुवार की सुबह मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे कुछ समय से बीमार चल रहे थे।

कॉमेडियन बनने से पहले प्रोफेसर थे

बहुत कम लोग जानते हैं कि जसविंदर भल्ला का करियर सिर्फ एक्टिंग तक सीमित नहीं था। उनका जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना में हुआ था। उन्होंने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU) से अपनी B.S.c और M.S.c की पढ़ाई पूरी की और बाद में चौधरी चरण सिंह पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज मेरठ से पीएचडी भी की। भल्ला ने अपना करियर PAU में एक सहायक प्रोफेसर के रूप में शुरू किया था। अपनी सेवानिवृत्ति तक वे विस्तार शिक्षा विभाग में प्रोफेसर और प्रमुख के पद पर कार्यरत रहे।

जसविंदर भल्ला ने अपने पेशेवर कॉमेडी करियर की शुरुआत 1988 में अपने सहपाठी बाल मुकुंद शर्मा के साथ ऑडियो कैसेट ‘छनकटा 1988’ से की थी। यह सीरीज इतनी सफल रही कि उन्होंने इसकी 27 से भी ज्यादा ऑडियो और वीडियो एल्बम जारी किए। ‘छनकटा’ में ‘चाचा चतर सिंह’ और ‘भाना’ जैसे उनके किरदार बहुत मशहूर हुए जिनके माध्यम से उन्होंने पंजाबी समाज और राजनीति पर व्यंग्य किया।

उन्होंने 1998 में फिल्म ‘छनकता 88’ से एक हास्य कलाकार के रूप में पंजाबी सिनेमा में कदम रखा और फिर ‘दुल्ला भट्टी’ से एक मुख्य अभिनेता के रूप में अपनी पहचान बनाई।

परिवार और फिल्मी करियर

जसविंदर भल्ला की पत्नी परमदीप भल्ला एक फाइन आर्ट्स टीचर हैं। उनका बेटा पुखराज भल्ला भी एक एक्टर है और बेटी अशप्रीत कौर नॉर्वे में रहती है।

भल्ला ने अपने फिल्मी करियर में कई हिट फिल्में दीं जिनमें ‘कैरी ऑन जट्टा’, ‘जट एंड जूलियट’, ‘मेल करा दे रब्बा’ और ‘जिह्ने मेरा दिल लुटेया’ जैसी फिल्में शामिल हैं। फिल्मों में उनके कुछ खास डायलॉग्स, जैसे “मैं ता भंदुउ बुल्लां नाल अखरोटे” और “ढिल्लों ने काला खाट ऐवें नी पेयया”, दर्शकों के बीच काफी लोकप्रिय हुए।

भल्ला अपनी कला के माध्यम से समाज में फैली बुराइयों जैसे कन्या भ्रूण हत्या, नशा और बेरोजगारी पर भी बात करते थे। उनका जाना पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा नुकसान है।

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