उत्तर प्रदेशराज्यवाराणसी

सच्चा ज्ञान वही है जो मोक्ष की ओर ले जाए : प्रो.नेगी

RSMT में एमबीए/एमसीए इंडक्शन प्रोग्राम (दीक्षारंभ समारोह)

वाराणसी : राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (RSMT) में सोमवार को एमबीए/एमसीए इंडक्शन प्रोग्राम– अभिनन्दनम् 2025 का शुभारंभ किया गया। यह आयोजन संस्थान के सेमिनार हॉल में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत छात्र-छात्राओं के पंजीकरण एवं किट वितरण से हुई। प्रो.अमन गुप्ता, निदेशक-प्रभारी ने नवप्रवेशी छात्रों का स्वागत किया तथा विशिष्ट अतिथियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इंडक्शन प्रोग्राम-(दीक्षारंभ समारोह) केवल औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह छात्रों में अनुशासन, मूल्य और प्रेरणा स्थापित करने का माध्यम है। उन्होंने छात्रों को ईमानदारी, जिज्ञासा और परिश्रम के साथ अपने जीवन में नैतिक मूल्यों को अपनाने की प्रेरणा दी। सहायक प्राध्यापक पी.एन. सिंह, ने एमबीए और एमसीए पाठ्यक्रम की संरचना पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्रों को शैक्षणिक कार्यक्रम, अतिरिक्त गतिविधियों तथा उद्योग से जुड़े प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि RSMT छात्रों को न केवल सक्षम पेशेवर बनाएगा बल्कि उन्हें जिम्मेदार नागरिक भी गढ़ेगा।

केंद्रीय उच्च तिब्बती अध्ययन संस्थान सारनाथ के कुलपति प्रो. वांगचुक दोरजे नेगी, वाराणसी का मुख्य भाषण समारोह का प्रमुख आकर्षण रहा। उन्होंने तथागत बुद्ध के विचारों का उल्लेख करते हुए कहा कि सच्चा ज्ञान वही है जो मोक्ष की ओर ले जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल जानकारी अर्जित करना नहीं है बल्कि वह बुद्धि और विवेक विकसित करने का साधन है, जो जीवन को सार्थक बनाती है। उन्होंने व्यक्ति और व्यक्तित्व, जड़ और चेतन के बीच का अंतर स्पष्ट किया और कहा कि शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति को केवल अस्तित्व तक सीमित न रखकर उसे अर्थपूर्ण जीवन जीने योग्य बनाना है। प्रो.नेगी ने मानवीय मूल्यों की आवश्यकता पर बल दिया।

प्रो.नेगी ने बताया कि काम, क्रोध और लोभ का त्याग करने से ही शांति मिल सकती है। उन्होंने छात्रों को जीवन में ऋणी भाव (कृतज्ञता) अपनाने का संदेश दिया—छात्र अपने शिक्षकों, कर्मचारियों और संस्थान के प्रति आभारी रहें तथा शिक्षक और कर्मचारियों में भी छात्रों के प्रति भी यही भाव रहनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्र सर्वोपरि की भावना पर जोर देते हुए कहा कि प्रत्येक छात्र को राष्ट्र को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए। उन्होंने जिम्मेदारी की श्रेणी बताते हुए कहा: राष्ट्र पहले, उसके बाद कंपनी, उसके बाद परिवार और अंत में व्यक्तिगत हित आनी चाहिए। उन्होंने भारत माता की अवधारणा को भी समझाया और कहा कि हर भारतीय के जीवन में भारत माता के प्रति भाव होना चाहिए।

आर्थिक प्रगति के साथ पर्यावरण और स्वास्थ्य की रक्षा भी जरूरी
कृषि विशेषज्ञ पद्मश्री चंद्रशेखर सिंह ने अपने विचार रखते हुए प्राकृतिक खेती की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आर्थिक प्रगति के साथ-साथ पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य की रक्षा भी अनिवार्य है। उन्होंने छात्रों को बताया कि जीवन में स्वास्थ्य, शिक्षा और संस्कार का संतुलन ही वास्तविक सफलता है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि वे समाज में स्थायी और नैतिक विकास की दिशा में योगदान दें। देवेंद्र कुमार, महाप्रबंधक, बिक्री एवं विपणन, कोका-कोला (वाराणसी प्रभाग) ने छात्रों को व्यावहारिक और सैद्धांतिक शिक्षा के संयोजन की महत्ता बताई।उन्होंने कहा कि केवल पुस्तकों तक सीमित न रहें, बल्कि वास्तविक समस्याओं का समाधान सीखें। उन्होंने छात्रों से आग्रह किया कि वे पहले दिन से ही सीखना शुरू करें, वह कक्षा में केस स्टडी हों या उद्योग प्रशिक्षण। उन्होंने कहा कि निरंतर सीखना ही सफलता की कुंजी है और छात्रों को हर अवसर का लाभ उठाना चाहिए।

प्राचार्य, उदय प्रताप इंटर कॉलेज डॉ.रमेश प्रताप सिंह ने छात्रों को संबोधित करते हुए अनुशासन और मानवीय मूल्यों पर जोर दिया। उन्होंने पूज्य राजर्षिजी के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने की बात कही। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक डॉ. प्रीति नायर रहीं, जिन्होंने पूरे आयोजन की रूपरेखा का सफलतापूर्वक संचालन किया। मंच संचालन का दायित्व डॉ. गरिमा आनंद ने संभाला, जिन्होंने अपनी स्पष्ट और प्रभावी शैली से पूरे कार्यक्रम को गरिमा और सहजता प्रदान की। समारोह का समापन डॉ.संजय कुमार सिंह, प्रोफेसर, कंप्यूटर विज्ञानं विभाग के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथियों, शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर समस्त शिक्षक एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे।

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