
सर एम विश्वेश्वरैया के नक्शेकदम पर चलने और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने का आह्वान
SMS लखनऊ ने 58वां इंजीनियर दिवस मनाया
लखनऊ : भारत रत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया, जो एक महान विद्वान, शिक्षाविद और भारत के सबसे प्रसिद्ध सिविल इंजीनियर थे, की 165 वीं जयंती के अवसर पर, स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज लखनऊ ने 15 सितंबर 2025 को 58वां इंजीनियर दिवस मनाया। कार्यक्रम का प्रारम्भ, उनके चित्र पर माल्यार्पण और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा उदबोधन के साथ आयोजित किया गया। शरद सिंह, सचिव व कार्यकारी अधिकारी, एसएमएस, इस अवसर पर सभी इंजीनियरिंग संकाय के शिक्षकों और कर्मचारियों को शुभकामनाएं दी। डा0 आशीष भटनागर ने भी शिक्षकों व छात्र-छात्राओं को सर विश्वेश्वरैया जी के कार्यो से प्रेरणा लेने की बात कही।
प्रोफेसर (डॉ.) भरत राज सिंह, महानिदेशक (तकनीकी), स्कूल ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज, लखनऊ ने भारतरत्न सर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के द्वारा किए गए अग्रणी कार्यों के बारे में विस्तार से सभा को संबोधित किया। उन्होंने सर एम विश्वेश्वरैया के नक्शेकदम पर चलने और राष्ट्र के लिए सार्थक योगदान देने के लिए शिक्षकों व छात्र-छात्राओं भी प्रेरित किया। डा0 धर्मेन्द्र सिंह-सह निदेशक ने भारत के महान इंजीनियरों के कार्यों को सूचीबद्धकर उनके द्वारा राष्ट्र निर्माण के लिए किये गये उल्लेखनीय कार्यो को मनन करने व उनका अनुसरण करने की बात कही। इसी क्रम में, इंजीनियर विजन की गठित समिति की द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
इस अवसर पर भारी संख्या में, प्रो. (डॉ.) भरत राज सिंह, महा निदेशक, प्रो. (डॉ.) धर्मेन्द्र सिंह, सह-निदेशक, प्रो. (डॉ.) पी.के. सिंह,डीन –छात्र कल्याण व विभागाध्यक्ष-डॉ. कमलेश सिंह, डॉ. आशा कुलश्रेष्ठ, डॉ. अजय सिंह, डॉ. अरुणेश श्रीवास्तव,मेनेजर इन्क्यूबेशन, डॉ.वेद कुमार, डॉ.वी. डी. त्रिपाठी, अनुरूप कुमार सिंह, अतुल तिवारी, आकांक्षा श्रीवास्तव, अनामिका कुमारी, रेनू, हिमांशु मिनोत्रा, वरुण सिंह, विवेक मिश्रा, शुजा असकरी, अभिषेक कुमार, राहुल चौरसिया, योगेन्द्र वर्मा आदि शिक्षकगणों ने प्रतिभाग किया तथा इंजीनियर्स दिवस पर छात्रों के रचनात्मक विचारों, समर्पण और तकनीकी ज्ञान को प्रज्वलित करने हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रमोद कुमार सिंह, अधिष्ठाता-छात्र कल्याण, एसएमएस, लखनऊ द्वारा किया गया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा पोस्टर बनाने व प्रश्नावली की प्रतियोगिता करायी गयी और सुजाता सिन्हा, सहायक प्रोफेसर, द्वारा पेड़ लगाने का अभियान भी चलाया गया।