
स्वास्थ्य, नैतिकता और ज्ञान से समृद्ध हुए नवप्रवेशी विद्यार्थी
RSMT में विद्यारम्भ समारोह अभिनंदनम्–2025 का तीसरा दिन
वाराणसी : राजर्षि स्कूल ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी (RSMT) में आयोजित एमबीए/एमसीए विद्यारम्भ समारोह अभिनंदनम्–2025 के तीसरे दिन विद्यार्थियों को स्वास्थ्य, मानवीय मूल्यों और बौद्धिक विकास का अद्भुत संगम देखने को मिला। इस दिन का कार्यक्रम छात्रों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के विभिन्न आयामों में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करने वाला रहा। सुबह का आरंभ योग प्रशिक्षक अरुण सिंह के सत्र “योग फॉर डेली लाइफ” से हुआ, जिसमें विद्यार्थियों ने तनाव मुक्ति, एकाग्रता और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की तकनीकें सीखीं। सत्र ने यह रेखांकित किया कि प्रबंधन पेशेवरों के व्यस्त जीवन में संतुलन बनाए रखने के लिए योग कितना आवश्यक है।
इसके बाद डा. (मेजर) अरविंद कुमार सिंह ने “अनुशासन” विषय पर विद्यार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि जीवन में अनुशासन सफलता की आधारशिला है। चाहे शिक्षा का क्षेत्र हो या कॉर्पोरेट दुनिया, अनुशासन ही व्यक्ति को लक्ष्य तक पहुँचाने में मार्गदर्शक भूमिका निभाता है। उनके विचारों ने छात्रों को समय प्रबंधन, जिम्मेदारी और आत्मनियंत्रण की महत्ता का एहसास कराया। सत्र का समन्वयन एवं संचालन अनुराग सिंह ने किया ।

इसके पश्चात अच्युत मोहन दास, अभिप्रेरक वक्ता एवं अध्यक्ष, इस्कॉन मंदिर प्रयागराज ने “आर्ट ऑफ लिविंग” विषय पर प्रेरणादायी कार्यशाला का संचालन किया। उन्होंने आंतरिक शांति और बाहरी सफलता के बीच संतुलन बनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने छात्रों को भावनाओं के प्रबंधन, तनाव कम करने और सकारात्मक संबंध बनाने की व्यावहारिक तकनीकें सिखाईं। रोचक कहानियों, संवादात्मक अभ्यासों और वास्तविक जीवन के उदाहरणों के माध्यम से उन्होंने विद्यार्थियों को दृढ़ता, कृतज्ञता और आशावाद जैसे गुणों को आत्मसात करने के लिए प्रोत्साहित किया। इस सत्र ने छात्रों को न केवल स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित किया बल्कि यह भी बताया कि सच्ची सफलता मानसिक स्पष्टता, नैतिक जीवन और सामाजिक जिम्मेदारी के सामंजस्य में निहित है। इस सत्र का समन्वयन एवं संचालन आनंद मोहन पांडेय ने किया।

भोजनावकाश के बाद कार्यक्रम का अगला चरण “मानव मूल्य और नैतिकता” विषय पर डा. सी.पी. सिंह, एसोसिएट प्रोफेसर, आर.एस.एम.टी. द्वारा संचालित सत्र रहा। उन्होंने कॉर्पोरेट जगत में नैतिक निर्णय, ईमानदारी और नैतिक जिम्मेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए विद्यार्थियों को दक्षता के साथ-साथ चरित्र का निर्माण करने की प्रेरणा दी। दिन का समापन एक उत्साहपूर्ण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के साथ हुआ, जिसका संचालन आशुतोष श्रीवास्तव और विजय कुमार पांडेय ने किया। इस प्रतियोगिता ने छात्रों की जानकारी, टीम भावना और त्वरित सोचने की क्षमता की परीक्षा ली। प्रतियोगिता ने छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना और उत्साह जगाया, जिससे सत्र शैक्षिक और मनोरंजक दोनों रहा। संपूर्ण कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत प्रो. अमन गुप्ता, निदेशक-प्रभारी ने किया। कार्यक्रम संयोजकों में डॉ. गरिमा आनंद और डॉ. प्रीति नायर संपूर्ण कार्यक्रम संचालित करती रहीं।