
पहाड़ों से सियासत तक की कहानी बयां करती है ‘अजेय’
CM योगी के जीवन पर आधारित फिल्म ने सिनेमाघरों में मचाया धमाल, सभी जगह पहला शो रहा हाउसफुल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के रुप में सबसे लंबे कार्यकाल का रिकार्ड बनाने वाले योगी आदित्यनाथ के जीवन पर बनी फिल्म ‘अजेय’ शुक्रवार को सिनेमाघरों में रिलीज हो गयी। देशभर में अपनी कार्यशैली से विशिष्ट पहचान बना चुके सीएम योगी पर बनी फिल्म ने पहले दिन बाक्स आफिस पर धमाल मचा दिया। ‘अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी’ का पहला शो उत्तर प्रदेश के सभी महानगरों के मॉल्स में हाउसफुल रहा। सभी जगहों पर इस फिल्म को देखने के लिए भारी भीड़ उमड़ी और युवा को इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित दिखे। फिल्म का पहला शो देखने को आतुर लोग सिनेमाघरों के बाहर कतारों में दिखे। हॉल ‘जय श्रीराम’ और ‘योगी-योगी’ के नारों से गूंज उठा। फिल्म के प्रति लोगों का जोश यह साबित कर रहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ के व्यक्तित्व और जीवन संघर्ष को लोग बड़े अर्से से पर्दे पर देखना चाहते थे।
रिलीज के पहले दिन से ही दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली-जुली रही। कुछ लोग इसे प्रेरणादायक और भव्य बता रहे हैं, तो कुछ का कहना है कि इसमें राजनीतिक संतुलन और विरोधी पक्ष की झलक कम है। धार्मिक नगरी अयोध्या, प्रयागराज, मथुरा और वाराणसी के युवाओं में इस फिल्म को देखने को लेकर खासा क्रेज दिख रहा है। संत समाज के लोगों ने फिल्म अजेय का प्रीमियर देखा है वो इस फिल्म को अपना आशीर्वाद दे रहे है। ज्यादातर सिनेमाघरों में फिल्म अजेय का पहला शो हाउसफुल रहा। फिल्म का पहला शो देखकर निकले लोगों का कहना था यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं बल्कि प्रेरणा देने वाली कहानी है, जो बताती है कि कैसे कठिन परिस्थितियों में भी एक व्यक्ति अपने संकल्प और समर्पण से बड़ा बदलाव ला सकता है। इसकी शुरुआत ने दिखा दिया है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर बनी यह फिल्म लोगों के दिलों को गहराई से छू रही है।

रवींद्र गौतम की निर्देशित यह फिल्म शांतनु गुप्ता की किताब ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ से प्रेरित है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित है। फिल्म में अनंत जोशी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, उनके साथ परेश रावल, दिनेश लाल यादव और पवन मल्होत्रा भी हैं। पांच जून 1972 को उत्तराखंड के पंचूर गांव में जन्मे अजय सिंह बिष्ट ने बचपन से ही कठिन परिस्थितियों में अनुशासित जीवन जिया। गढ़वाल विश्वविद्यालय से गणित में स्नातक करते समय उनका रुझान गोरखनाथ मठ की ओर हुआ और उन्होंने संन्यास ले लिया, जिसके बाद उन्हें नाम मिला योगी आदित्यनाथ। मठ में रहते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और गौ-संरक्षण जैसे सामाजिक अभियानों में सक्रिय रहते हुए योगी पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए एक परिचित चेहरा बन गए।
एक संत के मुख्यमंत्री बनने की गाथा है ‘अजेय’
फिल्म ‘अजेय’ उत्तराखंड में जन्मे उस युवा की कहानी है जिसका नाम आज देश के सबसे प्रभावशाली राजनेताओं में गिना जाता है। एक जिज्ञासु युवक, जो साइंस से ग्रेजुएशन करने के बाद संत जीवन अपनाता है और उसके बाद गोरखपुर मठ से निकल कर देश के सबसे बड़े राज्य का नेतृत्व करता है, फिल्म उन्हीं संघर्षों, साहसिक फैसलों और मजबूत नेतृत्व की झलक पेश करती है। योगी आदित्यनाथ सिर्फ 26 वर्ष की आयु में 1998 में पहली बार गोरखपुर से सांसद बने और इसके बाद लगातार पांच बार लोकसभा के सदस्य रहे। सांसद रहते हुए उन्होंने अपने क्षेत्र में बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं को मजबूत करने का काम किया। 2017 में उत्तर प्रदेश के चुनावी में बीजेपी को ऐतिहासिक बहुमत मिलने के बाद वो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 2022 के चुनाव में बड़ी जीत हासिल करने के बाद योगी आदित्यनाथ ने एक नया रिकॉर्ड बनाया। प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री बने जिन्होंने लगातार पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद दूसरी बार शपथ ली।