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सिगरा ‘आई लव मोहम्मद’ जुलूस : नाबालिग मोहरा या छिपा साजिश?

20 नाबालिगों पर केस दर्ज, पुलिस अज्ञात आयोजक की पहचान में जुटी, स्थानीय लोग भयभीत

सुरेश गांधी

वाराणसी : सोमवार की शाम लल्लापुरा में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर के साथ निकाले गए जुलूस ने आवागमन बाधित किया और स्थानीय लोगों में भय व आक्रोश पैदा किया। सिगरा पुलिस ने 20 नाबालिगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। पुलिस और विशेषज्ञों के अनुसार यह घटना केवल नाबालिगों तक सीमित नहीं हो सकती। जुलूस में लल्लापुरा के मुस्लिम युवक और कुछ अज्ञात लोग भी शामिल थे, जिससे संकेत मिलता है कि नाबालिग मोहरा बनाए गए, जबकि मुख्य आयोजक अब भी अज्ञात हैं।

सिगरा चौकी प्रभारी ने बताया कि केस में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, नई परंपरा शुरू करने और मार्ग अवरुद्ध करने के आरोप शामिल हैं। स्थानीय लोग इसे केवल जुलूस नहीं, बल्कि वर्चस्व दिखाने और नई परंपरा स्थापित करने की कोशिश मान रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि नाबालिगों के खिलाफ सीमित कानूनी कार्रवाई हो सकती है, लेकिन मुख्य आयोजक और उनके नेटवर्क पर सख्त कार्रवाई आवश्यक है। प्रशासन और समाज दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि ऐसी घटनाएं सांप्रदायिक तनाव या अराजकता का रूप न लें। या यूं कहे अगर सही समय पर कार्रवाई नहीं हुई तो यह छोटी घटना बड़ी सांप्रदायिक या सामाजिक तनाव की चिंगारी बन सकती है।

रिपोर्टों के अनुसार, जुलूस में लल्लापुरा के मुस्लिम युवक और कुछ अज्ञात लोग भी शामिल थे। इसका संकेत है कि नाबालिग मोहरा बने और मुख्य आयोजक छिपे हुए हैं। अक्सर ऐसे मामलों में बड़े आयोजक या नेटवर्क नाबालिगों को सामने लाकर अपनी जिम्मेदारी से बचने की रणनीति अपनाते हैं। इस मामले में पुलिस की चुनौती सिर्फ जुलूस में शामिल नाबालिगों की पहचान नहीं, बल्कि अज्ञात संगठक और उनकी मंशा को उजागर करना है। समाज और प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की आवश्यकता है ताकि ऐसी नई परंपराओं के बहाने किसी भी तरह की अराजकता या सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा न मिले।

सिगरा इंस्पेक्टर संजय कुमार मिश्रा ने कहा कि जुलूस में लगभग 15-20 नाबालिग शामिल थे, जिन्होंने डीजे बजाकर नारेबाजी की और मार्ग अवरुद्ध कर आम जनता को परेशान किया। लल्लापुरा चौकी प्रभारी प्रशांत शिवहरे की तहरीर पर सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने, नई परंपरा शुरू करने और सार्वजनिक मार्ग बाधित करने के आरोप में केस दर्ज किया गया। स्थानीय लोगों ने इस जुलूस को लेकर भय और आक्रोश व्यक्त किया। पुलिस ने कहा कि इस प्रकार की नई परंपरा स्थापित कर वर्चस्व कायम करने और अराजकता फैलाने के प्रयासों पर निगरानी रखी जा रही है। वीडियो फुटेज के आधार पर सभी की पहचान की जा रही है।

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