आज हैं 100 करोड़ की कंपनी की मालकिन, 5 रुपए की दिहाड़ी मजदूर थीं यह महिला
एजेन्सी/देश में महिला सशक्तिकरण को लेकर बहुत जोर दिया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद महिलाओं को सशक्त करने के साथ ही उन्हें आगे बढ़ाने की बात करते हैं। संसद से लेकर मल्टीनेशनल कंपनियों में आज महिलाओं की धाक है। एक ऐसी ही महिला है ज्योति रेड्डी, जिन्होंने कड़ी मेहनत और लगन के दम पर कामयाबी की मिसाल पेश की। अनाथालय में पली बढ़ी, मजदूरी करके गुजारा करने वाली ज्योति आज 15 मिलियन डॉलर की कंपनी की मालकिन है।
मजदूरी के लिए हर दिन मिलते थे 5 रुपए
पांच बहनों में सबसे छोटी ज्योति का बचपन गरीबी के कारण अनाथालय में बीता। दसवीं की पढ़ाई के बाद ही 16 साल की उम्र में उनका विवाह तेलंगाना स्थित वारंगल के पास एक छोटे से गांव में हुआ था। पति किसान थे। शादी के बाद भी उन्हें आर्थिक तंगी से गुजरना पड़ा। मजदूरी करती थीं जिसके बदले में उन्हें पांच रुपए प्रतिदिन के मिलते थे।
खेतों में मजदूरी के साथ की पढ़ाई और बनीं टीचर
पढ़ाई के लिए अधिक धन जुटाने के लिए वे खाली समय में कपड़े सिला करती थीं। कड़ी मेहनत करके उन्होंने एमए तक पढ़ाई की। फिर उन्हें एक स्कूल में टीचर की जॉब मिल गई लेकिन ज्योति हमेशा से बिजनेस करना चाहती थीं।
100 करोड़ की कंपनी की CEO
एक दिन अमरीका से आए एक रिश्तेदार की बातें सुनकर उन्हें भी वहां जाने का खयाल आया और रिश्तेदार व दोस्तों से मदद लेकर वे अमरीका पहुंच गईं। अमेरिका जाकर कुछ वर्षों तक उन्होंने कई जगहों पर छोटे-छोटे काम करके करीब तीस लाख रुपए जमा किए और वर्ष 2011 में ‘की सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस’ नाम से कंपनी की शुरुआत की जिसकी वे सीईओ हैं।
अनाथों को दे रही है मदद
अनाथालय में पली-बढ़ीं ज्योति अमेरिका में करीब सौ करोड़ रुपए के टर्नओवर वाली कंपनी की सीईओ हैं। वे अब अनाथालयों में रहने वाले जरूरतमंद बच्चों को आत्मनिर्भर बनने में मदद कर रही हैं।