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चीन का छद्म खेलः ताइवान के जलक्षेत्र में किया गजब “ड्रामा”, बड़ी चालाकी से परखी दुश्मन की ताकत

Bejing: चीन ने ताइवान जलक्षेत्र में एक सुनियोजित ड्रामा रचा। फर्जी जहाज संकेत भेजकर न सिर्फ पानी में अराजकता फैलाई, बल्कि चुपके से यह परखा कि ताइवान की निगरानी और प्रतिक्रिया कितनी मज़बूत है। ताइवान की तटरेखा पर हालिया घटनाक्रम ने साफ़ कर दिया कि यह कोई साधारण नौवहन गतिविधि नहीं थी, बल्कि चालाकी से रचा गया रणनीतिक प्रयोग था। चीन ने मछली पकड़ने वाले जहाजों के जरिए फर्जी संकेत प्रसारित कर के एक मंच तैयार किया — जहां वह ताइवान के रक्षा-तंत्र की सतर्कता, सूचना-संवेग और प्रतिक्रिया का डीटेल्ड ऑडिट कर रहा था। यह ‘ड्रामा’ समुद्री इलाकों में दबाव बनाकर नींव से परखने की गहरी चाल थी।

चीन के कुछ जहाजों ने ताइवान के जलक्षेत्र में फर्जी संकेत भेजकर यह देखा कि ताइवान कैसे प्रतिक्रिया करता है। इसे ‘संज्ञानात्मक युद्ध’ की रणनीति कहा जा रहा है।कई चीनी मछली पकड़ने वाले जहाजों ने फर्जी AIS (ऑटोमैटिक आइडेंटिफिकेशन सिस्टम) संकेत भेजे। इनमें से एक जहाज ने खुद को रूसी युद्धपोत और एक ने चीनी कानून प्रवर्तन जहाज दिखाया। अगस्त और सितंबर में ये जहाज लगातार ताइवान स्ट्रेट में घुमते रहे और फर्जी संकेत भेजते रहे।

रिपोर्ट के अनुसार, चीन इस तरीके से ताइवान की जानकारी प्रणाली और उसकी रक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया को परख रहा है। कई जहाजों ने एक ही समय और जगह पर फर्जी संकेत भेजे, जो एक संगठित रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। ये जहाज संभवतः चीनी मरीटाइम मिलिशिया के हैं, जो चीन अक्सर निगरानी और दबाव डालने के लिए इस्तेमाल करता है। 15 से 17 सितंबर के बीच, चीनी कोस्ट गार्ड के जहाजों ने किनमेन काउंटी के प्रतिबंधित जलक्षेत्र में प्रवेश किया, जिससे ताइवान की सुरक्षा पर और दबाव पड़ा।

जिस तरह किसी थिएटर में पर्दे के पीछे की चालें नाटक की असली नियोजित कहानी बताती हैं, उसी तरह ताइवान जलक्षेत्र में हाल की फर्जी AIS गतिविधियाँ चीन के ‘संज्ञानात्मक युद्ध’ के नए अध्याय का पर्दाफाश कर रही हैं। रूसी युद्धपोत बन कर दिखने वाले संकेत, कानून प्रवर्तन जहाजों का नक़ली परिचय ये सब केवल भ्रम फैलाने के तरीके नहीं, बल्कि एक सुनियोजित परीक्षा हैं: किस वजह से ताइवान हिलता है, किस सूचना पर वह तत्काल प्रतिक्रिया देता है और किन कमजोरियों को शत्रु आगे इस्तेमाल कर सकता है।

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