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आंध्र प्रदेश पर टूटा चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ का कहर, कई पेड़ उखड़े, बिजली गुल, हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद

नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के तट पर सोमवार देर रात चक्रवाती तूफान ‘मोन्था’ (Cyclone Montha) ने दस्तक दी, जिसके साथ 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं और भारी बारिश ने पूरे तटीय क्षेत्र को हिला दिया। मंगिनापुड़ी बीच और उसके आसपास के इलाकों में पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए, कई जगहों पर सड़कों पर जलभराव हो गया।

मंगिनापुड़ी बना तूफान का पहला निशाना
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के मुताबिक, चक्रवात ने आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम (Machilipatnam) के पास लैंडफॉल किया। इस दौरान 100–110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे सैकड़ों घरों की छतें उड़ गईं और कई नावें समुद्र में फंस गईं।

बिजली और संचार व्यवस्था ध्वस्त
तेज हवाओं और लगातार बारिश से बिजली आपूर्ति बाधित हो गई। विजयवाड़ा, एलुरु और कृष्णा जिलों में एनडीआरएफ (NDRF) और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें राहत और बचाव कार्य में लगी हैं।

किसानों पर टूटा कहर — फसलें हुईं तबाह
मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) के प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, 38,000 हेक्टेयर से अधिक की खड़ी फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। 1.38 लाख हेक्टेयर बागवानी फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

पड़ोसी राज्यों में अलर्ट
IMD ने ओडिशा, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भी भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। ओडिशा के गंजाम, पुरी और खुर्दा जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद रखे गए हैं। वहीं, तमिलनाडु के नागपट्टिनम और कुड्डालोर में समुद्र किनारे मछुआरों को चेतावनी जारी की गई है।

सेना और राहत टीमें अलर्ट पर
भारतीय नौसेना, कोस्ट गार्ड और एयरफोर्स को भी अलर्ट पर रखा गया है। विजाग और काकीनाडा नौसैनिक ठिकानों पर हेलीकॉप्टर और रेस्क्यू बोट्स तैयार रखी गई हैं। अब तक किसी बड़े जनहानि की खबर नहीं मिली है, लेकिन भारी बारिश और बाढ़ का खतरा बना हुआ है।

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