अयोध्या राम मंदिर शिखर पर लहराएगा 205 फीट ऊंचा पैराशूट फैब्रिक ध्वज, PM मोदी होंगे समारोह के मुख्य अतिथि

नई दिल्ली : यूपी (UP) के अयोध्या राम मंदिर के शिखर पर 25 नवम्बर को होने वाले ध्वजारोहण समारोह के लिए तैयार कराए जा रहे ध्वज पैराशूट फैब्रिक का होगा जो 205 फिट की ऊंचाई पर लहराएगा। इस ध्वज की लंबाई 22 फिट व चौड़ाई 11 फिट निर्धारित की गई है और इसका वजन भी 11 किलो है। इस ध्वज के आरोहण के लिए नायलान की मोटी रस्सी का प्रयोग किया जाएगा। इस समारोह के मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे। इस ध्वजारोहण के दौरान भारतीय सेना के जवान उनकी सहायता के लिए मौजूद रहेंगे। भारतीय सेना के जवानों की टोली ने राम मंदिर में ध्वजारोहण का पूर्वाभ्यास भी सोमवार से शुरू कर दिया है।
राम मंदिर के शिखर की ऊंचाई सतह से 161 फिट है। इस पर 44 फिट लंबा ध्वज दंड लगाया गया है। इस तरह शिखर की कुल ऊंचाई 205 फिट हो गई है। इस ध्वज में एक चक्र भी लगाया गया है जिससे यह ध्वज 360 डिग्री पर घूम सकेगा। ध्वज पर रामराज्य के राजकीय चिह्न कोविदार वृक्ष के अलावा सूर्य वंश के प्रतीक भगवान सूर्य व समन्वय के प्रतीक ओंकार का चिह्न भी अंकित किया जाएगा और इसका रंग भगवा यानि केसरिया होगा। इस बीच इस ध्वज की हवाओं के थपेड़ों को सहन करने की क्षमता और फायर प्रूफ बनाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम प्रयोगशाला में परीक्षण कर रही है। यह रिपोर्ट अभी आनी बाकी है। उम्मीद है कि भवन-निर्माण समिति की तीन दिवसीय समीक्षा बैठक के दौरान आ जाएगी। इस बीच बैठक के पहले दिन समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र ने बताया कि ध्वजारोहण समारोह में आठ हजार अतिथियों को आमंत्रित किया जा रहा है। इन सभी को एक दिन पहले अयोध्या आने का आग्रह किया जा रहा है। इसके साथ सुरक्षा मानकों के पालन के लिए दो घंटे पहले ही स्थान ग्रहण करने का भी निर्देश दिया जा रहा है। प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव की तर्ज पर की जा रही व्यवस्था में एक अंतर यह है कि इस बार उत्तर प्रदेश की अतिथियों की सर्वाधिक उपस्थिति रहेगी। फिर भी इस समारोह में उन चुनिंदा हस्तियों को भी बुलाया जा रहा है जिन्हें प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित नहीं किया गया था।
बताया कि 25 नवम्बर को समारोह की तिथि पर प्रथम सत्र में राम लला का दर्शन आम श्रद्धालुओं को नहीं हो सकेगा। दूसरे सत्र में प्रधानमंत्री मोदी की वापसी के बाद दर्शन सामान्य किए जाने पर मंथन चल रहा है। विदित हो कि 25 नवम्बर को विवाह पंचमी है और इस तिथि पर भगवान श्रीसीताराम का विवाहोत्सव मंदिर -मंदिर मनाया जाता है और दर्जनों मंदिरों से भगवान राम व उनके अनुजों की बारात भी धूमधाम से निकाली जाती है। इस विवाहोत्सव में सम्मिलित होने के लिए शिष्य परम्परा के लाखों श्रद्धालु गण यहां आते हैं। इसके चलते उस तिथि पर राम मंदिर में दर्शन का दबाव भी रहना लाजिमी है।
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के पदेन सदस्य व भवन-निर्माण समिति चेयरमैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है कि आम श्रद्धालुओं को ध्वजारोहण समारोह के अगले दिन से रामलला के दर्शन के साथ परकोटे के सभी छह मंदिरों, शेषावतार व सप्त मंडपम सहित कुबेर नवरत्न टीला में भी दर्शन सुलभ कराया जाएगा। बताया गया कि पूरे परिसर में घूमने के लिए एक दिन की संख्या निर्धारित की जा रही है। निर्धारित संख्या के मुताबिक अलग-अलग समय के लिए पास निर्गत किया जाएगा। समिति चेयरमैन मिश्र का कहना है कि हमारी प्राथमिकता यह है कि मंदिर में जो भी निर्माण हुआ है, श्रद्धालु सुगमता से उसको देख सकें।



