मलेशिया जाएंगे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, 12वीं आसियान बैठक-प्लस में लेंगे हिस्सा

Rajnath Singh Malaysia Visit: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 30 अक्टूबर को नई दिल्ली से मलेशिया के कुआलालंपुर के लिए रवाना होंगे। वे 1 नवंबर को आयोजित होने वाली 12वीं आसियान रक्षा मंत्री बैठक-प्लस (ADMM-Plus) में हिस्सा लेंगे। यह बैठक क्षेत्रीय सुरक्षा, सहयोग और रणनीतिक साझेदारी पर केंद्रित होगी।
राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए लिखा कि मैं 12वीं एडीएमएम-प्लस बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए मलेशिया जा रहा हूं। यह बैठक एडीएमएम-प्लस के 15 साल पर चिंतन और आगे की राह तैयार करना विषय पर केंद्रित होगी जहां मैं मंच को संबोधित करूंगा।
बैठक का क्या है उद्देश्य?
बैठक के दौरान, रक्षा मंत्री मलेशिया की अध्यक्षता में आयोजित दूसरी आसियान-भारत रक्षा मंत्रियों की अनौपचारिक बैठक में भी भाग लेंगे जो 31 अक्टूबर को होगी। इसमें सभी आसियान सदस्य देशों के रक्षा मंत्री मौजूद रहेंगे। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य भारत और आसियान देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना और भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को आगे बढ़ाना है।
होंगी कई द्विपक्षीय मुलाकातें
दो दिवसीय यात्रा के दौरान राजनाथ सिंह के कई द्विपक्षीय मुलाकातें भी निर्धारित हैं। वे एडीएमएम-प्लस सदस्य देशों के अपने समकक्षों और मलेशिया के वरिष्ठ नेतृत्व से रक्षा, रणनीतिक सहयोग और अन्य क्षेत्रों में साझेदारी को लेकर चर्चा करेंगे। एडीएमएम-प्लस, आसियान देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, तिमोर-लेस्ते और वियतनाम) और इसके आठ संवाद साझेदारों भारत, अमेरिका, चीन, रूस, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने का प्रमुख मंच है।
भारत-आसियान साझेदारी को नई दिशा
भारत वर्ष 1992 में आसियान का वार्ता साझेदार बना था। एडीएमएम-प्लस की पहली बैठक 12 अक्टूबर 2010 को वियतनाम की राजधानी हनोई में आयोजित की गई थी। वर्ष 2017 से, एडीएमएम-प्लस का आयोजन हर साल आसियान देशों और उनके साझेदार देशों के बीच रक्षा सहयोग को मजबूत करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। इस ढांचे के तहत भारत 2024 से 2027 की अवधि के लिए मलेशिया के साथ मिलकर आतंकवाद-रोधी विशेषज्ञ कार्य समूह का सह-अध्यक्ष है। इसके अलावा, आसियान-भारत समुद्री अभ्यास का दूसरा संस्करण 2026 में आयोजित किया जाएगा, जिससे भारत-आसियान साझेदारी को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।



