उत्तर प्रदेशराज्य

लखनऊ, कानपुर, आगरा सहित छह जिलों में होगा विशेष विकास कार्य, CM योगी ने अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य के औद्योगिक और बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर बड़ा कदम उठाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बन रहे एक्सप्रेसवे केवल सड़कें नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की आर्थिक रीढ़ हैं। ये प्रोजेक्ट आने वाले वर्षों में निवेश, उद्योग और रोजगार के नए अवसरों का आधार बनेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बातें शुक्रवार को उत्तर प्रदेश इंडस्ट्रियल एक्सप्रेसवे डेवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में कहीं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य दिसंबर तक हर हाल में पूरा किया जाए।

एक्सप्रेसवे नेटवर्क पर सीएम की सख्त समीक्षा
बैठक में मेरठ-हरिद्वार लिंक एक्सप्रेसवे, नोएडा-जेवर लिंक, चित्रकूट-रीवा लिंक, विंध्य एक्सप्रेसवे और विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे जैसे प्रोजेक्ट्स पर विस्तृत चर्चा हुई। सीएम योगी ने कहा कि सभी नई परियोजनाओं की रूपरेखा भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के नेटवर्क को ध्यान में रखकर तैयार की जाए, ताकि दोहराव से बचते हुए एकीकृत और संतुलित सड़क तंत्र तैयार हो सके।

छह जिलों में विशेष काम, डिफेंस कॉरिडोर पर जोर
मुख्यमंत्री ने लखनऊ, कानपुर, झांसी, आगरा, अलीगढ़ और चित्रकूट, इन छह जिलों में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत विशेष काम शुरू करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन जिलों में स्किल डेवलपमेंट सेंटर स्थापित किए जाएं ताकि स्थानीय युवाओं को तकनीकी प्रशिक्षण देकर रक्षा उद्योग से जोड़ा जा सके। बैठक में जानकारी दी गई कि अब तक कॉरिडोर के लिए ₹30,819 करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और 5039 एकड़ भूमि अधिग्रहीत की जा चुकी है। कई कंपनियां अपने प्रोजेक्ट्स पर काम भी शुरू कर चुकी हैं।

भूमि आवंटन नीति पर सख्ती
सीएम योगी ने चेतावनी दी कि अगर किसी निवेशक ने तीन वर्ष के भीतर परियोजना पर कार्य शुरू नहीं किया, तो भूमि आवंटन स्वतः निरस्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि “भूमि उन्हीं निवेशकों को मिलेगी जो प्रदेश के विकास के प्रति गंभीर हैं।”

एक्सप्रेसवे के किनारे बनेंगे औद्योगिक क्लस्टर
बैठक में यह भी बताया गया कि सभी प्रमुख एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक क्लस्टर और लॉजिस्टिक पार्क विकसित किए जा रहे हैं। इन क्षेत्रों में बिजली, जलापूर्ति, ट्रक टर्मिनल और हेल्थ सुविधाओं की योजनाएं समयबद्ध रूप से पूरी की जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एमएसएमई और स्थानीय उद्यमियों को इन प्रोजेक्ट्स में प्राथमिकता दी जाए।

निवेश के लिए सरल और पारदर्शी व्यवस्था
यूपीडा ने भूमि आवंटन और परियोजना अनुमोदन की प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन और सिंगल विंडो सिस्टम के तहत लागू किया है। सीएम ने कहा, “हमारा लक्ष्य निवेशकों को भरोसा और सुविधा दोनों देना है। उत्तर प्रदेश आज देश का सबसे सुरक्षित और स्थिर निवेश केंद्र बन चुका है।”

नई परियोजनाओं से जुड़ेगा दक्षिण और पूर्वी यूपी
बैठक में यह भी तय हुआ कि आने वाले समय में विंध्य-पूर्वांचल लिंक एक्सप्रेसवे और चित्रकूट-रीवा लिंक एक्सप्रेसवे को तेजी से आगे बढ़ाया जाएगा। इन प्रोजेक्ट्स से प्रदेश के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में औद्योगिक विकास की नई राह खुलेगी।

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