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एक साथ एक्टिव हुए दो पश्चिमी विक्षोभ: IMD ने इन राज्यों के लिए जारी किया ओले, बारिश और तूफान का बड़ा अलर्ट

नई दिल्ली: उत्तर भारत का मौसम एक बार फिर करवट ले चुका है। नवंबर की शुरुआत होते ही आसमान का रंग बदल गया है—कहीं बादलों की गड़गड़ाहट, तो कहीं ओलों की बरसात और पहाड़ों पर बर्फबारी का नया दौर शुरू हो गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि अरब सागर में पिछले कई दिनों से बनी कमजोर प्रणाली अब चक्रवाती हवाओं के रूप में सक्रिय हो गई है। इस नई मौसमी हलचल ने उत्तर और पश्चिम भारत के मौसम को पूरी तरह बदल दिया है, जिससे ठंड के शुरुआती संकेत अब ठिठुरन में बदलने लगे हैं।

मौसम की नई चाल क्या है?

वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक मोहम्मद दानिश के अनुसार, मौजूदा पश्चिमी विक्षोभ फिलहाल उत्तर पाकिस्तान और उसके आसपास सक्रिय है। इसके साथ ही अरब सागर के ऊपर विकसित चक्रवाती क्षेत्र अब गुजरात और सिंध की ओर बढ़ चुका है। इसी वजह से पूर्वी सिंध, उत्तरी गुजरात और दक्षिणी राजस्थान में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। राजस्थान के मध्य हिस्से में एक और चक्रवाती परिसंचरण बन रहा है, जो आने वाले दिनों में उत्तर राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तक बारिश की बौछारें लेकर आएगा।

5 नवंबर: बरसात और बर्फबारी का दिन

भारतीय मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक, 5 नवंबर से उत्तर भारत के कई हिस्सों में पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। पंजाब और हरियाणा में हल्की से मध्यम वर्षा शुरू होगी, जबकि राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है। पहाड़ी इलाकों में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बर्फबारी के साथ भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। हिमाचल और उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में भी बर्फ के फाहे गिरने के आसार हैं।

पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कैसा रहेगा मौसम?

पंजाब के ज्यादातर जिलों में पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव स्पष्ट रहेगा। दक्षिणी और पूर्वी जिलों—जैसे फाजिल्का, बठिंडा और पटियाला—में हल्की बारिश की संभावना है, जबकि उत्तरी हिस्सों जैसे पठानकोट, अमृतसर और जालंधर में गरज के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि हो सकती है। हरियाणा में सिरसा, फतेहाबाद, हिसार और अंबाला में बूंदाबांदी की स्थिति बन सकती है। दिल्ली में बादलों का डेरा रहेगा, लेकिन बारिश की संभावना बहुत कम है।

राजस्थान: ओलावृष्टि का केंद्र

राजस्थान इस बार सबसे अधिक प्रभावित हो सकता है। जयपुर, दौसा, कोटा, उदयपुर और भीलवाड़ा में मध्यम से भारी बारिश के संकेत हैं। पाली, अजमेर, सवाई माधोपुर और करौली में ओले गिरने की प्रबल संभावना जताई गई है। उत्तरी जिलों—हनुमानगढ़, चूरू, सीकर—में हल्की बूंदाबांदी के साथ कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं।

मध्य प्रदेश में भी भारी बरसात

मध्य प्रदेश में मौसम विभाग ने कई जिलों में भारी वर्षा और ओलावृष्टि का अलर्ट जारी किया है। ग्वालियर, भिंड, मुरैना, दतिया, गुना, नीमच और छिंदवाड़ा में तेज बारिश संभव है। भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में बादलों की आवाजाही के बीच रुक-रुककर बूंदाबांदी हो सकती है।

उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का परोक्ष असर

उत्तर प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का सीधा प्रभाव नहीं दिखेगा, लेकिन अरब सागर की नम हवाएं यहां का मौसम बदलेंगी। पश्चिमी और मध्य जिलों—जैसे आगरा, मथुरा और लखनऊ—में हल्की बारिश की संभावना है। झांसी संभाग में कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हो सकती है, जबकि पूर्वांचल का मौसम सामान्य रहेगा।

6 नवंबर: ठंड की दस्तक

6 नवंबर तक बारिश का यह सिलसिला जारी रहेगा। इसके बाद तापमान में तेज गिरावट आने की संभावना है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, अगले हफ्ते से सुबहें बर्फीली और दिन ठंडे होंगे। ठंडी हवाओं के साथ प्रदूषण के स्तर में भी कमी आने की उम्मीद है—यानी बारिश और बर्फबारी की यह सौगात न केवल ठंड बढ़ाएगी, बल्कि हवा भी साफ कर जाएगी।

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