छत्तीसगढ़राज्य

कांदुलनार-कचलारम के जंगलों में में 27 लाख के इनामी 6 नक्सली ढेर

रायपुर : छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों ने हाल ही में एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए दक्षिणी बस्तर के लिए खतरा माने जाने वाले छह कुख्यात माओवादियों (Maoists) को एक भीषण मुठभेड़ में मार गिराया। यह मुठभेड़ कांदुलनार-कचलारम के जंगलों में हुई। इस बारे में जानकारी देते हुए अधिकारियों ने बताया कि मारे गए नक्सलियों पर कुल 27 लाख रुपए का इनाम घोषित था और इनकी मौत से माओवादी संगठन के सैन्य, राजनीतिक और सप्लाई नेटवर्क की कमर टूट गई है। इस कार्रवाई को बीजापुर की DRG (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड), DRG दंतेवाड़ा और STF (विशेष टास्क फोर्स) की संयुक्त टीमों ने अंजाम दिया।

इस बारे में जानकारी देने के लिए गुरुवार को बस्तर पुलिस महानिरीक्षक (IG) पी सुंदरराज, पुलिस उपमहानिरीक्षक (DIG) दंतेवाड़ा और पुलिस अधीक्षक बीजापुर ने एक संयुक्त प्रेस वार्ता की, जिसमें उन्होंने बताया कि यह सफल अभियान विश्वसनीय सूचना पर शुरू किया गया था, जिसमें DKSZCM पापाराव की मद्देड़ एरिया कमेटी के प्रभारी DVCM कन्ना उर्फ बुचन्ना और पामेड़ एरिया कमेटी की सचिव DVCM उर्मिला सहित 50-60 माओवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी।

आगे उन्होंने कहा, बीती 11 नवंबर की सुबह से शुरू हुए इस ऑपरेशन के दौरान रुक-रुक कर गोलीबारी का दौर चला, जिसके बाद मुठभेड़ स्थल से छह शव मिले जिन्हें बीजापुर लाया गया साथ ही मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए। मारे गए नक्सलियों में से सबसे महत्वपूर्ण नाम DVCM कन्ना उर्फ बुचन्ना (35) का है, जिस पर आठ लाख रुपए का इनाम रखा गया था। बीजापुर पुलिस के अनुसार, बुचन्ना पर जिले के विभिन्न थानों में 42 आपराधिक मामले दर्ज थे और उसके खिलाफ 18 स्थायी वारंट जारी थे।

पुलिस अधीक्षक बीजापुर जितेंद्र कुमार यादव ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा, ‘बुचन्ना उर्फ कन्ना पिछले एक दशक से अधिक समय से इस क्षेत्र में माओवादी हिंसा का एक प्रमुख चेहरा था। वह कैम्प हमलों, IED विस्फोटों, ग्रामीणों की हत्या, डकैतियों और संचार टॉवरों को नष्ट करने जैसी सैकड़ों वारदातों का मास्टरमाइंड था। उसकी मौत से इस क्षेत्र में आतंक का एक लंबा अध्याय समाप्त हुआ है।’ दूसरी प्रमुख कैडर DVCM उर्मिला थी, जो कुख्यात शीर्ष माओवादी नेता DKSZCM पापाराव की पत्नी और पामेड़ एरिया कमेटी की सचिव थी। उस पर भी आठ लाख रुपए का इनाम था। उर्मिला न केवल हिंसक घटनाओं में शामिल थी, बल्कि संगठन के राजनीतिक विंग और PLGA (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) बटालियनों के लिए रसद आपूर्ति (सप्लाई चेन) की मुख्य संचालक भी थी।

मारे गए अन्य माओवादियों में ACM जगत तामो उर्फ मोटू (5 लाख रुपए का इनामी) और तीन पार्टी सदस्य – देवे, भगत और मंगली ओयाम (तीनों पर दो-दो लाख रुपए का इनाम) शामिल हैं।
घटनास्थल से हथियारों का बड़ा जखीरा बरामद मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने हथियारों का एक बड़ा जखीरा बरामद किया है। इसमें दो इंसास राइफलें, एक 9 MM कार्बाइन, एक .303 राइफल, एक सिंगल शॉट राइफल, एक 12 बोर बंदूक, इनके मैगजीन और सैकड़ों कारतूस शामिल हैं। इसके अलावा रेडियो सेट, स्कैनर, मल्टीमीटर, हथगोले, सुरक्षा फ्यूज, माओवादी साहित्य, वर्दी और चिकित्सा सामग्री भी जब्त की गई है। बरामद डिजिटल उपकरणों और दस्तावेजों से बुचन्ना के अर्बन नेटवर्क से संबंध के सुराग मिले हैं, जिसकी जांच अब पुलिस की विशेष टीम कर रही है।

बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पट्टलिंगम ने इस सफलता पर कहा, ‘बेहतर आपसी समन्वय और सहयोग के माध्यम से, हम क्षेत्र में बचे हुए अंतिम नक्सली ठिकानों को समाप्त करने के लिए अपने अभियानों को और अधिक तेज और प्रभावी बना रहे हैं। ये सतत अभियान सरकार, सुरक्षा बलों और बस्तर की जनता के उस सामूहिक संकल्प को दर्शाते हैं, जिसका लक्ष्य इस दशकों पुरानी समस्या को जड़ से खत्म करना है। हमारा लक्ष्य स्पष्ट है एक शांतिपूर्ण और नक्सल-मुक्त बस्तर। वर्तमान परिस्थितियों में माओवादी संगठन पूरी तरह से घिर चुका है और अब उसके पास हिंसा का मार्ग छोड़कर मुख्यधारा में लौटने के अलावा कोई अन्य विकल्प शेष नहीं है।’

उधर बीजापुर के पुलिस अधीक्षक ने कहा यह मुठभेड़ बस्तर संभाग में चल रहे नक्सल विरोधी अभियानों की बढ़ती गति और प्रभावशीलता को रेखांकित करती है। उन्होंने कहा केवल वर्ष 2025 में ही जिले में अब तक 144 माओवादी मारे गए हैं, 499 गिरफ्तार किए गए हैं और 560 ने आत्मसमर्पण किया है। जनवरी 2024 से अब तक के आंकड़े और भी चौंकाने वाले हैं जिसमें 202 मारे गए, 1002 गिरफ्तार और 749 ने आत्मसमर्पण किया है।

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