अमेरिका भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से सहमत है: व्हाइट हाउस
एजेन्सी/ वाशिंगटन : अमेरिका ने दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास पर देश के राष्ट्रपति बराक ओबामा के विचारों को दोहराते हुए कहा कि देश भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं से सहमत है। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जोश अर्नेस्ट ने कल कहा कि राष्ट्रपति के बयान दक्षिण एशिया में परमाणु एवं मिसाइल विकास को लेकर हमारी चिंताओं से प्रेरित हैं। हम हथियारों के बढते जखीरे, विशेष रूप से युद्धक्षेत्र में इस्तेमाल के लिए डिजाइन किए गए सामरिक परमाणु हथियारों से जुड़ी सुरक्षा संबंधी बढ़ती चुनौतियों को लेकर खास तौर पर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रणालियां चिंता का विषय हैं क्योंकि उनके आकार के कारण उन के चोरी होने का खतरा है। भारत और पाकिस्तान के बीच पारंपरिक युद्ध होने की स्थिति में इन छोटे हथियारों के मद्देनजर परमाणु हथियारांे के इस्तेमाल का खतरा बढ गया है।
अर्नेस्ट ने कहा कि हाल में आयोजित हुए परमाणु सुरक्षा शिखर सम्मेलन का मकसद परमाणु हथियारों से रहित विश्व का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि यह एक दीर्घकालिक लक्ष्य है। राष्ट्रपति ने बहुत पहले की इसे प्राथमिकता बना लिया था। राष्ट्रपति का मानना है कि विश्वभर में देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के अनुरुप है और इसे अपनाया जा सकता है। अर्नेस्ट ने कहा कि हम भारत जैसे अमेरिका के निकट सहयोगियों द्वारा व्यक्त की गई राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं से सहमत हैं और इन्हें लेकर खासतौर पर चिंतित हैं। हमारा मानना है कि इस दिशा में आगे बढने से केवल अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा ही नहीं बढेगी बल्कि इससे भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा भी पुख्ता होगी। उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन ने हर प्रकार के सामरिक परमाणु हथियार पर नियमित रूप से चिंता व्यक्त की है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय संबंधों में सुधार से क्षेत्र में स्थायी शांति, स्थिरता और समृद्धि की संभावनाओं में काफी इजाफा हो सकता है। यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका ने दोनों देशों से यह बात कही है कि दोनों पड़ोसियों के बीच निरंतर और लचीली वार्ता होनी चाहिए। अर्नेस्ट ने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में सभी पक्षों को अधिकतम संयम बरतने और तनाव कम करने की दिशा में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता रहा है। उन्होंने कहा कि मैं आपको बता सकता हूं कि इन मसलों पर हमने दोनों देशों से सीधे बात की है। अर्नेस्ट ने कहा कि ओबामा ने शुक्रवार को दक्षिण एशिया, खासतौर पर भारत और पाकिस्तान को उस क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया था जहां परमाणु सुरक्षा के क्षेत्र में प्रगति करने और परमाणु हथियारों को कम किए जाने की आवश्यकता हैं उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताओं एवं विश्व के इस हिस्से में उसकी विशेष भौगोलिक स्थिति के बारे में जानता है और निश्चित रूप से इस आवश्यकता को स्वीकार करता है कि भारत को स्वयं की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने होंगे।