कोहरे के मौसम से पहले रेलवे का ‘कवच 4.0’ तैयार, ट्रेन हादसों को रोकने विकसित हो रही सुरक्षा प्रणाली

नई दिल्ली : भारतीय रेलवे की स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली ‘कवच 4.0’ सितंबर 2025 तक 654 किलोमीटर रेलमार्ग पर काम करने लगी है। रेल मंत्रालय ने यह जानकारी एक आरटीआई आवेदन के जवाब में दी है। मंत्रालय ने बताया कि कवच प्रणाली 155 रेलवे स्टेशन और 2,892 इंजन पर स्थापित की जा चुकी है। रेल मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि देश भर के सभी 18 रेलवे जोन में व्यापक कार्य चल रहा है और बहुत जल्द ही और अधिक क्षेत्रों में इस प्रणाली को स्थापित करने का काम शुरू हो जाएगा।
बता दें कि इस प्रणाली को देश में ही डिजाइन, विकसित और तैयार किया गया है। इसका यात्री ट्रेनों में पहला क्षेत्र परीक्षण फरवरी 2016 में शुरू हुआ और जुलाई 2020 में इसे राष्ट्रीय स्वचालित ट्रेन सुरक्षा (एटीपी) प्रणाली के रूप में अपनाया गया। ‘कवच’ लोको पायलट को निर्धारित गति सीमा के भीतर ट्रेन चलाने में मदद करता है। अगर वे ऐसा करने में विफल रहते हैं तो यह स्वचालित रूप से ब्रेक लगा देता है।
आरटीआई के तहत पूछे गए प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्रालय ने बताया कि 324 किलोमीटर के कोटा-मथुरा खंड पर 30 जुलाई, 2025 को यह प्रणाली चालू कर दी गई। इसके बाद 225 किमी के कोटा-नागदा खंड पर इस प्रणाली को सात अक्टूबर, 2025 को चालू किया गया। मंत्रालय ने बताया, ‘‘इसके साथ ही, पूरे मथुरा-नागदा (549 मार्ग किमी) खंड को कवच 4.0 से लैस कर दिया गया है।’’
मंत्रालय ने यह भी बताया कि कवच 4.0 को पूर्व रेलवे के 105 किमी हावड़ा-बर्धमान खंड पर भी चालू कर दिया गया है। चंद्रशेखर गौड़ ने आरटीआई आवेदन कर सितंबर 2025 तक उन स्टेशनों और इंजन की संख्या के बारे में भी जानकारी मांगी, जहां कवच प्रणाली स्थापित की गयी है। मंत्रालय ने कहा, ‘‘31 अक्टूबर 2025 तक कुल 2,892 इंजन को कवच प्रणाली से सुसज्जित किया जा चुका है।’’
वहीं पश्चिम रेलवे के अंतर्गत मथुरा-कोटा के बीच 77 स्टेशन और कोटा-नागदा के बीच 53 स्टेशन पर, पूर्वी रेलवे में हावड़ा-बर्धमान के बीच 26 स्टेशन को स्टेशन कवच से सुसज्जित किया गया है, इस साल सितंबर तक कुल 155 स्टेशन को स्टेशन कवच से सुसज्जित किया चुका है।



