
कोलकाता : पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात कोलकाता स्थित चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर भारी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटे, जिसके बाद इलाके में तनाव की स्थिति बन गई। किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए पुलिस ने तुरंत बैरिकेड लगाकर सुरक्षा बढ़ा दी।
प्रदर्शनकारियों में शामिल कई शिक्षक और बूथ लेवल ऑफिसर ने एसआईआर प्रक्रिया को जल्दबाजी में किया जा रहा कदम बताते हुए पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उनका आरोप है कि आम तौर पर दो साल में पूरा होने वालाएसआईआर पश्चिम बंगाल में मात्र दो महीनों में निपटाया जा रहा है, जिससे मतदाता सूची में बड़ी गड़बड़ियों की आशंका बढ़ गई है।
एक प्रदर्शनकारी शिक्षक ने कहा मैं मुर्शिदाबाद से हूं। बिहार में करोड़ों वोटर लिस्ट से हटाए गए थे और वही साजिश यहां भी दिखाई दे रही है। हम रातभर यहीं डटे रहेंगे जब तक स्पष्ट जवाब नहीं मिलता। दूसरे प्रदर्शनकारी ने बताया कि वे बीएलओ नहीं हैं, लेकिन उनके समर्थन में आए हैं। उनके मुताबिक जब तक चुनाव अधिकारी हमसे मुलाकात नहीं करते, हमारी आवाज उठती रहेगी।
इधर, बीजेपी उत्तर कोलकाता जिला अध्यक्ष तामोघ्न घोष ने प्रदर्शन को टीएमसी की गुंडागर्दी करार दिया। उन्होंने आरोप लगाया ये लोग बूथ लेवल ऑफिसर नहीं, बल्कि टीएमसी के गुंडे हैं। ये आधी रात को चुनवा आयोग के ऑफिस में घुसकर छेड़छाड़ करने आए थे, हमने इन्हें रोका।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी SIR प्रक्रिया को अव्यवस्थित, जल्दबाजी भरी और खतरनाक बताते हुए कड़ी आपत्ति जताई है। मुख्य चुनाव आयुक्त को लिखे अपने पत्र में उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण में भारी कमी है, दस्तावेजो को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं और आम वोटरों से उनके कामकाज के बीच में मिल पाना लगभग असंभव हो रहा है। उनका कहना है कि इन सारी खामियों की वजह से पूरा अभ्यास अपनी विश्वसनीयता खोता जा रहा है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग से तुरंत हस्तक्षेप कर सुधारात्मक कदम उठाने की मांग भी की है।
देशभर में 12 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में SIR प्रक्रिया जारी है, जिसमें पश्चिम बंगाल भी शामिल है। अंतिम मतदाता सूची 7 फरवरी 2026 को प्रकाशित की जाएगी। इन राज्यों में शामिल हैं- अंडमान-निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल।



