पुतिन की भारत यात्रा ने रचा इतिहास, दुनिया में पहली बार इतने लोगों ने उनके विमान को किया ट्रैक

Russian President Plane: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा कई मायनों में ऐतिहासिक है। भारत के साथ द्विपक्षीय समझौते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रोटोकॉल तोड़कर पालम एयरपोर्ट जाकर पुतिन का स्वागत करने के अलावा यह दौरा एक नया रिकॉर्ड बनाया है। दरअसल, कल सुबह से यानी 4 दिसंबर की सुबह से पूरी दुनिया भर के लोगों की निगाहें रूसी राष्ट्रपति पुतिन को लेकर भारत आ रहे सरकारी विमान पर बनी रहीं। फ्लाइट रडार 24 के आंकड़ों के अनुसार, पुतिन का स्पेशल विमान कुछ घंटों के लिए दुनिया की सबसे ज्यादा ट्रैक की जाने वाली फ्लाइट बन गई। इसे लाखों लोगों ने रियल टाइम में फॉलो किया। फ्लाइट ट्रैकिंग प्लेटफॉर्म फ्लाइट रडार 24 ने अपने सोशल मीडिया हैंडल और अपनी वेबसाइट पर एक पोस्ट के माध्यम से बताया है कि अब तक की सबसे ज्यादा ट्रैक हुई फ्लाइट- भारत के रास्ते में रूस का सरकारी एयरक्राफ्ट है।
पुतिन की फ्लाइट की लोकेशन लगातार चेक कर रहे लोग
पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली में दो दिनों तक मिलने वाले हैं। इस पोस्ट के बाद दुनिया भर में उत्सुकता और बढ़ गई है। लोग लगातार फ्लाइट की लोकेशन चेक कर रहे। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार शाम अपने स्पेशल विमान से नई दिल्ली पहुंचे हैं। एयरपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अगवानी की। दोनों नेताओं के बीच गर्मजोशी भरा स्वागत दिखा। यह 22वीं भारत-रूस वार्षिक शिखर वार्ता है। दोनों देश के बीच रक्षा, व्यापार, ऊर्जा, निवेश और परमाणु सहयोग जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर गहन चर्चा होगी। पुतिन की इस यात्रा के दौरान दो रूसी सरकारी विमान देखे गए। एक विमान ने अपना ट्रांसपॉन्डर अचानक बंद कर दिया और दूसरा चालू रखा। फिर कुछ देर बाद रोल बदल गया। यह तकनीक सुरक्षा के लिहाज से अपनाई जाती है, जिससे असल विमान की लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो। ट्रांसपॉन्डर विमान की ऊंचाई, स्पीड और सटीक को-ऑर्डिनेट्स एयर ट्रैफिक कंट्रोल को भेजता है।
पुतिन का इल्यूशिन IL-96-300PU विमान
दुनिया के सबसे सुरक्षित नेताओं में से एक व्लादिमीर पुतिन कभी बिना अपनी दो खास चीजों के विदेश यात्रा पर नहीं निकलते है। इसमें एक उनकी बुलेटप्रूफ ऑरस सीनेट लिमोजीन कार और उनका अत्याधुनिक प्रेसिडेंशियल विमान इल्यूशिन IL-96-300PU। इसे दुनिया फ्लाइंग क्रेमलिन भी कहती है। यह विमान मूल IL-96-300 का विशेष रूप से संशोधित वर्जन है, जिसे 1980 के दशक में इल्यूशिन डिजाइन ब्यूरो ने बनाया था। इसकी पहली उड़ान 28 सितंबर 1988 को हुई थी। 1990 के दशक की शुरुआत में इसे सेवा में शामिल किया गया।



