उत्तर प्रदेशफ़िरोज़ाबादराज्य

बच्चे को सही समय पर ओआरएस घोल मिल जाए तो होगा सुरक्षित

‘डायरिया से डर नहीं’ कार्यक्रम की त्रैमासिक समीक्षा बैठक

फिरोजाबाद : अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. के. के. वर्मा की अध्यक्षता में शनिवार शाम को “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम की त्रैमासिक समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उन्होंने डायरिया से बचाव के प्रति लोगों में जागरूकता लाने पर बल दिया। ज्ञात हो कि जनपद में “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पॉपुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इंडिया (पीएसआई इंडिया) और केनव्यू के सहयोग से चलाया जा रहा है।

इस मौके पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कार्यक्रम को लेकर आयोजित की जा रहीं गतिविधियों और कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा कि पांच साल तक के बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए जनपद में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। डायरिया की यदि समय से पहचान हो जाए और बच्चे को सही समय पर सही मात्रा में ओआरएस का घोल मिल जाए तो उसे आसानी से सुरक्षित बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की होने वाली कुल मृत्यु का एक प्रमुख कारण डायरिया भी है। इस अभियान का लक्ष्य दस्त के कारण होने वाली बच्चों की मृत्यु की दर को शून्य पर लाना है।

इस मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबन्धक (डीपीएम) ने हेल्थ मैनेजमेंट इनफार्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) ऑपरेटर को संबोधित करते हुए डायरिया केस की रिपोर्टिंग पर ज़ोर दिया और एचएमआईएस का डाटा प्रस्तुत किया। इस मौके पर जनपद में डायरिया से डर नहीं कार्यक्रम की प्रगति को साझा किया गया जिसमें एएनएम, आशा और आशा संगिनी अभिमुखीकरण की प्रगति प्रमुख रही। डीसीपीएम रवि कुमार ने आशा, एएनएम के अभिमुखीकरण में सहयोग करने को कहा और हर ग्राम स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस (वीएचएसएनडी) सत्र पर ओआरएस एवं जिंक की सप्लाई सुनिश्चित करने पर ज़ोर दिया। समीक्षा बैठक में अर्बन हेल्थ कोआर्डिनेटर और पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे।

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