शेयर बाजार में 13 सप्ताह की सबसे बड़ी गिरावट
एजेन्सी/ रिजर्व बैंक के अल्पकालिक ऋण दरों में उम्मीद से कम कटौती के से निराश निवेशकों ने ब्याज दरों के प्रति संवदेनशील ऑटो, बैंकिंग और रियल्टी समेत लगभग सभी समूहों में जमकर बिकवाली की। इससे सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में 13 सप्ताह से अधिक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। सेंसेक्स 4 जनवरी के बाद की एक दिन की सबसे बड़ी 516.06 अंक (2.03 प्रतिशत) की गिरावट लेकर एक सप्ताह बाद 25 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 24883.59 अंक और निफ्टी 155.60 अंक अर्थात 2.01 फीसदी लुढ़ककर 7700 अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 7603.20 अंक पर बंद हुआ।
रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन द्वारा जारी चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक ऋण एवं मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दर में 0.25 फीसदी की कटौती की गई, जबकि अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से बाजार और उद्योग जगत इससे अधिक करीब आधी फीसदी कटौती की उम्मीद कर रहे थे। इससे निराश निवेशकों की भारी बिकवाली से सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ने गोता लगाया। फार्मा कंपनी ल्युपिन की मामूली बढ़त को छोड़कर सेंसेक्स की शेष 29 कंपनियां गिरावट पर रहीं। अदानी पोट््र्स पर बिकवाली का सबसे अधिक असर रहा और उसके शेयरों के भाव छह फीसदी से अधिक लुढ़ककर 227.35 रुपए रह गए। इसके अलावा टाटा मोटर्स, भारती एयरटेल, एसबीआई और आईसीआईसीआई बैंक के शेयर भी 5.45 फीसदी तक टूटे। बड़ी कंपनियों की तरह छोटी और मझौली कंपनियों में हुयी भारी बिकवाली से भी बाजार पस्त हो गया।
बीएसई का मिडकैप 1.47 फीसदी टूटकर 10511.24 अंक और स्मॉलकैप 1.40 फीसदी गिरकर 10545.67 अंक पर बंद हुआ। कंज्यूमर ड्यूरेबल्स समूह की 0.26 फीसदी तेजी को छोड़कर बीएसई के शेष 19 समूह लुढ़के। दूरसंचार समूह में सबसे अधिक 3.71 फीसदी की गिरावट रही। वहीं, आईटी, टेक, हेल्थकेयर, पीएसयू, वित्त, ऊर्जा, एफएमसीजी, कैपिटल गुड्स, ऑटो, रियल्टी और बैंङ्क्षकग समूह के शेयर भी 3.21 फीसदी तक गिरे। बीएसई में कुल 2639 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ। इनमें 1631 पर बिकवाली का दबाव रहा वहीं, 882 में लिवाली हुई जबकि 126 के भाव अपरिवर्तित रहे।