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अगर लड़की को सुहागरात के दिन सेक्स के लिए बिनती करनी पड़ी तो होगा तलाक

article-20144965472320843000एजेन्सी/ हर किसी के अपनी शादी को लेकर सपने होते है और इसके लिए हर आदमी अपनी तरफ से अलग-अलग तैयारियां करता है. अगर आप शादी करने जा रहे हैं और उसके बाद सुहागरात के सपने संजोए हुए है तो ये खबर आपके काम की हो सकती है. क्योंकि सुहागरात में की गई एक गलती आपके जीवन को बर्बाद कर सकती है. 

कर्नाटक हाईकोर्ट ने तलाक के मामले में ‘ सेक्स ’ को आधार मानते हुए शादीशुदा जोड़े की तलाक की याचिका को मंजूर कर लिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में मैसूर फैमिली कोर्ट के एक फैसले को खारिज कर दिया है. 

इससे पहले मैसूर की अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि अगर लड़की को अपनी शादी के बाद ‘फर्स्ट नाइट’ यानि सुहागरात की तैयारी खुद करनी पड़े और पति से शादी की रिसेप्शन के बाद साथ में रात गुजारने के लिए विनती करनी पड़े तो इसे उस लड़की का अपमान समझा जाएगा. ये

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए कहा कि इससे किसी को मतलब नहीं होना चाहिए कि ‘फर्स्ट नाइट’ का अरेंजमेंट कौन कर रहा है. हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि फैमिली कोर्ट की महिला जज ने इस मामले में खुद की धारणा के हिसाब से निर्णय लिया है. उन परिस्थितियों के बारे में सोचा गया है जिसमें पत्नी के पिता की मृत्यु हो चुकी है और जिस कारण उसे खुद अपनी ही शादी की ‘पहली रात’ की व्यवस्था करनी पड़ी या उसे शादी के रिसेप्शन के दिन अपने पति से उसके घर में रुकने के लिए विनती करनी पड़ी. 

कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान पति और पत्नी ने एक दूसरे पर सेक्स ना करने का आरोप लगाया. इसके बाद पति ने तलाक का केस दाखिल किया. वहीं पत्नी ने दहेज उत्पीड़न का केस दायर किया. फैमिली कोर्ट ने पति की तलाक की याचिका को खारिज कर दिया जिसमें वह अपनी पत्नी की क्रूरता को अदालत में साबित नहीं कर सका.

हाईकोर्ट ने निचली अदालत के आदेश को खारिज करते हुए दोनों की तलाक की याचिका को स्वीकार कर लिया. कोर्ट ने दोनों को तलाक देने की वजह शारीरिक अक्षमता या इसे सेक्स की असफलता का नहीं है. यह प्रथा है कि शादी के बाद पहले लड़के के घर पर और फिर लड़की के घर पर रिसेप्शन आयोजित किया जाता है. पति मैसूर में एक उप-रजिस्ट्रार है, जबकि पत्नी शिवमोगा में एक सिस्टम ऐनलिस्ट है.

 

 

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