एजेन्सी/ दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी ने सरकार से किराया कम करने की सिफारिश की थी। 14 साल पहले 2002 में प्रियंका गांधी ने तत्कालीन वाजपेयी सरकार से घर का किराया कम करवाने के लिए मोलभाव किया था और कम भी करवाया था। संशोधित किराए के बाद प्रियंका गांधी को 53,421 रुपए महीने का घर 8,888 रुपए महीने के किराए पर मिला था।
एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक प्रियंका गांधी वाड्रा ने लुटियन जोंस के 2765.18 स्क्वायर मीटर के एक मकान के लिए वाजपेयी सरकार से मोलभाव कर कम रेट देने पर राजी कर लिया था। प्रियंका ने रेंट कम करने के लिए दिए अपने तर्क में बताया था कि इतने पैसों का भुगतान करना उनकी हैसियत से ज्यादा है। इसलिए रेट को कम किया जाए।
और किन लोगों को दिए गए थे घर
वर्तमान में प्रियंका लोधी स्टेट के टाइप VI सरकारी बंगले में रहती हैं। इसके लिए वे हर महीने 31,300 रुपए चुकाती हैं। प्रियंका गांधी के अलावा पंजाब के पूर्व डीजीपी केपीएस गिल, ऑल इंडिया एंटी-टेरेरिस्ट फ्रंट के नेता एमएस. बिट्टा भी इसी तरह के बंगलों में रहते हैं। इन लोगों को यह बंगले सिक्युरिटी की वजह से दिए गए हैं। गिल और बिट्टा भी उतना ही किराया देते हैं जितना प्रियंका गांधी दे रही हैं।
प्रियंका गांधी ने क्या कहा था?
7 मई 2002 को केंद्र सरकार को लिखे अपने लेटर में प्रियंका गांधी ने कहा था कि 53,421 हजार रुपए हर महीने देना उनकी हैसियत के बाहर है क्योंकि यह बहुत ज्यादा है। प्रियंका ने कहा था कि उन्होंने यह बंगला एसपीजी की रिक्वेस्ट पर लिया है और इसके बड़े हिस्से पर एसपीजी ही काबिज है। वह पूल हाउस में रहती हैं और इसकी वजह सिक्युरिटी है। प्रियंका ने सरकार से आग्रह किया था कि वह 28,451 रुपए प्रति माह के पुराने रेट से किराया अदा कर सकती हैं, बढ़े हुए 53,421 रुपए पर नहीं।
आरटीआई से हुआ खुलासा
नोएडा के देव आशीष भट्टाचार्य द्वारा दायर आरटीआई के जवाब में मिले 8 जुलाई 2003 के कैबिनेट कमेटी के नोट से यह खुलासा हुआ है। नोट में कहा गया है कि प्रियंका गांधी समेत चारों लोग प्राइवेट सिटीजंस है और सिक्योरिटी रिजन्स की वजह से इन्हें ये घर मुहैया कराए गए हैं। वे लाइसेंस फीस का मार्केट रेट के हिसाब से रेंट नहीं दे सकते हैं। इसलिए रेंट को कम करने के लिए इसका रिव्यू किया जाए।
सरकार ने क्या उठाया कदम?
आरटीआई के मुताबिक समीक्षा के बाद प्रियंका गांधी समेत सभी लोगों के रेंट को संशोधित कर नए रेंट लागू किए गए थे। बंगलों के स्पेशल लाइसेंस फीस को 24 जुलाई 2003 को रिवाइज्ड किया गया। इस लिहाज से प्रियंका को 53,421 की जगह 8,888 रुपए रेंट देने के लिए कहा गया। गिल का रेंट 60,741 से घटाकर 10,715 बिट्टा का 55,536 से 10,203 और अश्विनी कुमार का 50,311 घटाकर 8,555 रुपए प्रति माह कर दिया गया। प्रियंका गांधी को घर 1997 में एसपीजी, केंद्रीय सचिवालय और गृह मंत्रालय की सिफारिश पर दिया गया था।