नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आज दावा किया है कि जनवरी में लागू किए गए ऑड-ईवन के कारण प्रदूषण में 15 प्रतिशत की कमी आई थी, लेकिन पर्यावरण से जुड़े संगठनों ने इसे गलत बताते हुए कहा कि इस फॉर्मूले के कारण सिर्फ ‘पीक आवर्स’ में प्रदूषण कम हुआ था है. योजना लागू करने के बावजूद प्रदूषण लेवल हाई जाने वाली मीडिया रिपोर्ट पर तंज़ करते हुए केजरीवाल ने कहा ‘अजीब हैं कि कैसे 30-40 प्रतिशत कारें सड़कों से हटने के बावजूद प्रदूषण लेवल हाई हो गया.’
उन्होंने कहा, ‘पेट्रोल पंप मालिक भी कह रहे हैं कि बिक्री कम होने के कारण वे हड़ताल पर चले जाएंगे.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑड-ईवन के पहले चरण को लेकर स्टडी हुई है और लोग भी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रदूषण में 15 प्रतिशत की कमी के बाद इसे दोबारा लागू करना ठीक है.’केजरीवाल ने कहा, ‘लोगों ने इसे वापस लाने की मांग की और इसका कारण प्रदूषण नहीं बल्कि ट्रैफिक था. इससे ट्रैफिक में भी काफी कमी आयी है. अब लोग शांति से वाहन चला रहे हैं. ’ हालांकि सीएसई की डी.जी सुनीता नारायण ने केजरीवाल के दावे को चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि सिर्फ वाहनों की संख्या को कम करना अस्थाई कदम हो सकता है, स्थाई नहीं.
ऑड-ईवन के दूसरे चरण में दिल्ली सरकार ने दावा किया है कि राजधानी के भीतरी इलाकों में प्रदूषण कम हुआ है.