राष्ट्रीय

इंटरनेट से ढूंढा सुसाइड का आसान तरीका, फिर दी जान

l_suicide-1461237496हैदराबाद।

अपने बनाए मोबाइल एप की बाजार में बिक्री नहीं होने की वजह से डिप्रेसड टेक्नोलॉजी प्रोफेशनल ने नाइट्रोजन सूंघकर आत्महत्या कर ली। यह जानकारी पुलिस से मिली।

बिना कष्ट के आत्महत्या करने के लिए 33 साल के लकी अग्रवाल ने एक छोटा नाइट्रोजन सिलेंडर खरीदा और यहां अपने घर के कमरे में मास्क पहन कर उससे सांस लिया था। वह अमीरपेट क्षेत्र का रहने वाला था। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आसान मौत पाने का तरीका ढूंढने के लिए उसने इंटरनेट पर खोजबीन की थी।

सुसाइड में नोट में किया लिखा?

उसके कमरे से सुसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है, ‘मैं आत्महत्या कर रहा हूं। नाइट्रोजन गैस आसानी और बिना कष्ट के आत्महत्या करने का एक तरीका है। मैं चाहता हूं कि हर कोई शांति और खुशी से रहे।’ लकी स्नातक था। कुछ महीने पहले उसने एक सॉफ्टवेयर कंपनी की नौकरी छोड़ दी थी और अपना मोबाइल एप बना रहा था।

एप का खरीददार नहीं मिलने से था परेशान

पुलिस के मुताबिक लकी के परिवार के लोगों ने कहा कि वह अपने कमरे में लंबे समय तक बंद रहा करता था और देर रात तक काम करता रहता था। लकी के बुधवार शाम तक कमरे से बाहर नहीं निकलने पर उसके माता-पिता को शंका हुई। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था इसलिए उन्होंने दरवाजा तोड़ दिया और लकी को अपने बिस्तर पर मृत पाया। उसने अपने चेहरे पर मास्क पहन रखी थी। उसके एप को बाजार में खरीदार नहीं मिल पाने के कारण वह अवसाद में चल रहा था। 

सुसाइड के लिए खरीदा नाइट्रोजन सिलेंडर

पुलिस ने कहा कि लकी ने 17 मार्च को नाइट्रोजन सिलेंडर खरीदा था। लकी के पिता और एक व्यवसायी आशिक कुमार अग्रवाल ने कहा कि उन लोगों ने सोचा था कि सिलेंडर उसकी परियोजना का ही एक हिस्सा है।

Related Articles

Back to top button