अहमदाबाद। अहमदाबाद से 170 किलोमीटर से दूर पाटन के राधनपुर में आम आदमी पार्टी के मुखिया केजरीवाल के काफिले को रोक दिया गया। पुलिस केजरीवाल को थाने भी ले गई लेकिन मामला बढ़ता देख पुलिस ने उन्हें तुरंत ही छोड़ दिया। अब पुलिस का कहना है कि वो केवल ये जानकारी ले रही थी कि केजरीवाल के पास रोड शो के लिए पुलिस की इजाजत है या नहीं। चुनावों की घोषणा होते ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। गुजरात पुलिस के इस रवैये पर आम आदमी पार्टी ने गहरी आपत्ति जताई है। पार्टी नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति गुजरात जाकर सड़क पर घूमता है और वहां विकास के दावे की हकीकत परखना चाहता है तो क्या पुलिस उसे थाने ले जाएगी? यादव ने कहा कि केजरीवाल के पास किसी पार्टी का झंडा या बैनर तक नहीं था, कोई सभा नहीं हो रही थी फिर भी एक पूर्व मुख्यमंत्री के साथ अगर गुजरात पुलिस ये सुलूक करती है तो आम आदमी के साथ वहां पुलिस का क्या रवैया होगा। पार्टी नेता प्रशांत भूषण ने कहा कि केजरीवाल को रोकना पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है। पुलिस केजरीवाल को रोककर पुलिस स्टेशन ले गई लेकिन उसकी कोई वजह नहीं बताई। दूसरी ओर मामला बढ़ता देख बैकफुट पर आई गुजरात पुलिस ने अपनी सफाई दी है। डीआईजी परिक्षिता राठौर ने कहा कि हम बस ये जानना चाहते थे कि उनके पास परमीशन है या नहीं। चूंकि आचार संहिता लागू हो गई है इसलिए केजरीवाल का काफिला रोका गया, बाकी कोई बात नहीं है। वहीं गुजरात पुलिस के बचाव में बीजेपी भी उतर आई। पार्टी नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस और केजरीवाल एक-दूसरे के लिए बने हैं। कोई व्यक्ति जो खुद को ही कानून मानता है तो उसे क्या कहें। आचार संहिता लागू हो गई है और फिर भी वो सड़क पर घूम रहे हैं तो कानून अपना काम करेगा ही। वो जाएं और देखें गुजरात का विकास। उन्हें किसने रोका है। वो रोज ईमानदारी का चोला और उसका झोला लेकर घूमते रहते हैं और उससे एक पर्ची निकालते हैं। जो काम कांग्रेस नहीं कर पाई वो अपने भोंपू से करवाएगी। उनके आरोपों पर क्या जवाब देना।