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चीन पानी पर तैरने वाला ​’परमाणु बिजली घर’ बनाने की तैयारी में

l_Untitled2-1461412844हांगकांग।

दक्षिण चीन सागर में बनाए गए मानव निर्मित कृत्रिम द्वीप समूहों (मैन मेड आईलैंड चेन) पर विद्युत आपूर्ति पहुंचाने के लिए चीन पानी पर तैरता हुआ परमाणु बिजली घर बनाने की तैयारी कर रहा है। 

विवादित दक्षिणी चीन सागर में चीन द्वारा बनाए गए कृत्रिम द्वीप समुहों पर स्थापित किए जाने वाले रडार सिस्टम, बैरक, पोर्ट, एयरफिल्ड के संचालन में  बहुत बड़ी मात्रा में बिजली की खपत होगी।

चीन से कोसों दूर समुद्र में स्थित द्वीप श्रृंखला तक देश में स्थित नेशनल पॉवर ग्रिड से बिजली सप्लाई कर पाना असंभव है। इसके लिए चीन की एक सरकारी शिपिंग कंपनी ‘चाईना शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन’ ने पानी पर तैरने वाला न्यूक्लियर पॉवर हाउस बनाने का फैसला किया है।

सरकारी नियंत्रण वाली कंपनी ‘चाईना शिप बिल्डिंग इंडस्ट्री कॉर्पोरेशन’ न्यूक्लियर पॉवर हाउस को ढोने में सक्षम पानी के जहाजों का ऐसा बेड़ा बनाने की तैयारी कर रही है, जो देश से दूर समुद्र में स्थित आॅयल रिफाइनरियों और मानव निर्मित कृत्रिम द्वीप समूहों को बिजली आपूर्ति मुहैया कराएगी।

कंपनी के एक अधिकारी लिउ झेंगुओ का बयान भी प्रकाशित किया है, जिनके अनुसार इस तरह के तैरने वाले पॉवर प्लांट्स की डिमांड बहुत अधिक है।

इससे पहले जनवरी में चाईना एटॉमिक एनर्जी अथॉरिटी के निदेशक जू डेझ ने कहा था कि चीन फ्लोटिंग न्यूक्लियर पॉवर प्लांट बनाने की योजना पर काम कर रहा है, जिसके लिए उसे बहुत ही कठीन वैज्ञानिक परीक्षण की जरूरत होगी, लेकिन चीन को ‘मैरीटाइम पॉवर’ बनने के लिए ऐसे वैज्ञानिक परीक्षणों से गुजरना ही पड़ेगा।

चीन इस तरह के पानी पर तैरने वाले न्यूक्लियर पॉवर प्लांट्स बनाने वाला कोई पहला देश नहीं होगा। उससे पहले अमरीका ने द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान ‘पनामा कनाल जोन’ में विद्युत आपूर्ति के लिए एक मालवाहक पोत के अंदर न्यूक्लियर पॉवर प्लांट स्थापित किया था।

 

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