कोटा के जवाहर नगर थाना क्षेत्र में छात्रा ने पांचवीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। पुलिस के मुताबिक गाजियाबाद निवासी कृति त्रिपाठी (17) अपने परिवार के साथ इंद्र विहार स्थित एक अपार्टमेंट में दो साल से किराए पर रह रही थी। घटना के वक्त पिता अंशुमन त्रिपाठी जिम गए हुए थे। मां कुछ महीने से गाजियाबाद में रह रही थी।
कोटा के पुलिस अधीक्षक एसएस गोदारा ने बताया कि छात्रा ने पांच पेज का एक सुसाइड नोट लिखा है, जिसमें उसने आत्महत्या के कारणों की विस्तार से चर्चा की है। उन्होंने कहा कि पहली नजर में आत्महत्या का कारण अवसाद और इंजीनियरिंग की पढ़ाई के प्रति रुचि का अभाव लगता है।
छात्रा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसकी मां ने उसे साइंस स्ट्रीम दिलवाया था, लेकिन फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैच जैसे विषयों में उसकी कोई रुचि नहीं थी। उन्होंने बताया कि छात्रा ने आईआईटी-जेईई की परीक्षा में 144 अंक हासिल किए जो कि सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित कट अफ अंक 100 से काफी अधिक है।
पुलिस के मुताबिक अपार्टमेंट के नीचे गिरी छात्रा को पड़ोसी तुरंत एक निजी अस्पताल ले गए। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कोटा में परीक्षा में कम नंबर आने या अवसाद में छात्रों की आत्महत्या करने का यह पहला मामला नहीं है।
पिछले एक साल के भीतर कोटा में नामी कोचिंग संस्थाओं में पढ़ने वाले पांच छात्रों ने आत्महत्या की है। कोचिंग संस्थानों में छात्रों की आत्महत्या पर अंकुश लगाने के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इस साल कोटा में तैयारी करने वाले करीब 35 हजार छात्र आईआईटी-जेईई में सफल हुए हैं।
हर साल करीब 1.5 लाख बच्चे आईआईटी और मेडिकल कालेजों की प्रवेश परीक्षा की तैयारी के लिए कोटा आते हैं। पिछले पांच साल में कोटा में तैयारी करने वाले कम से कम 56 छात्रों ने आत्महत्या की है। इसमें से अधिकतर छात्रों ने परीक्षा में विफल होने के भय से ऐसा कदम उठाया।