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कोयला घोटाला मामले में आरोपपत्र दाखिल

coalनई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सोमवार को कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले में नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड और इसके दो निदेशकों के खिलाफ अपना पहला आरोपपत्र दाखिल किया। सीबीआई ने इस मामले में कंपनी तथा इसके दो निदेशकों -पी. त्रिविक्रम प्रसाद और वाई. हरीशचंद्र प्रसाद के खिलाफ सीबीआई की विशेष अदालत की न्यायाधीश मधु जैन की अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया। कंपनी और दोनों निदेशकों पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 27 मार्च तय कर दी है।
सीबीआई ने आरोपपत्र में कहा है कि नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड ने ‘छलपूर्वक’ दावा किया कि उसके पास कोयला खदानें पाने के लिए जरूरी शुद्ध संपत्ति है। सीबीआई के मुताबिक जांच से यह भी खुलासा हुआ है कि कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत जानबूझकर इस संबंध में कंपनी की ओर से दिए गए दस्तावेजों की जांच नहीं की। सूत्रों के अनुसार आरोपपत्र से संबंधित पूरे दस्तावेज अभी पेश नहीं किए हैं। दस्तावेज बाद में पेश किए जाएंगे। दूसरी बात यह कि सीबीआई ने आरोपपत्र में आरोपियों पर भ्रष्टाचार से जुड़े आरोप नहीं लगाए हैं। जांच एजेंसी ने हालांकि तीन सितंबर 2०12 को भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई थी। नवभारत पॉवर प्राइवेट लिमिटेड का 2०1० में एस्सार समूह ने अधिग्रहण किया था और कंपनी को रामपिया और दीप साइड कोयला ब्लॉक आवंटित किए गए थे।

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