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जागरूकता या जिद्द: तीन अनोखे मामले कोर्ट में

iceएजेंसी/ कोई कोर्ट का दरवाजा क्यों खटखटाता है? जाहिरतौर पर जब इंसाफ के लिए दूसरे रास्ते बंद हो चुके हों तब। हम आपको तीन ऐसी घटनाएं बताने जा रहे हैं कि जहां लोग अनोखी फरियाद लेकर कोर्ट पहुंचे। दो मामलों से तो यह सबक लिया जा सकता है कि विदेशों में लोग अपने अधिकारों के प्रति कितने सजग हैं।

कंपनी ने करवाया ऊबाऊ काम, तो ठोंका केस

पेरिस निवासी 44 वर्षीय फ्रेड्रिक डेसनार्ड का आरोप है कि कंपनी ने उन्हें ऊबाऊ काम में लगाया। इससे वे परेशान रहे, डिप्रेशन में चले गए और आखिरकार नौकरी छोड़ना पड़ी। अब फ्रेड्रिक ने कंपनी पर £280,000 यानी करीब 2.73 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगते हुए दावा ठोंका है।

उन्होंने पेरिस स्थित परफ्यूम कंपनी में चार साल सेवाएं दी। फ्रेंच मीडिया के मुताबिक, देश में यह अपने तरह का पहला मामला है। बकौल फ्रेड्रिक, मुझे मैनेजर के पद पर नियुक्ति किया गया था, लेकिन धीरे-धीरे सारी जिम्मेदारियां छीन ली गईं। मैं हर दिन इस सोच के साथ ऑफिस जाता था कि मेरी जिंदगी बर्बाद हो रही है। मैं कई बार ऑफिस में रोया भी, लेकिन मैनेजमेंट ने ध्यान नहीं दिया। मुझे आत्मग्लानि भी हो रही थी कि मैं बिना कुछ करे वेतन ले रहा हूं।

आईस्ड कॉफी में आईस ज्यादा, तो महिला पहुंची कोर्ट

शिकागो निवासी स्टेसी पिनकस इस बात से खफा हैं कि स्टारबक्स की आईस कॉफी में बहुत ज्यादा आईस होती है। उन्होंने 3.4 मिलियन पाउंड यानी 33.18 करोड़ रुपए का हर्जाना मांगते हुए कोर्ट केस दायर किया है।

याचिका में कहा गया है कि कंपनी ने अपने विज्ञापन में जितना पेय पदार्थ दिखाया है, असल में ग्राहक को उतना नहीं दिया जा रहा है। कोल्ड कॉफी में ज्यादा बर्फ डाली जा रही है।

वहीं कंपनी ने इसे बेकार की कवायद करार दिया है। प्रवक्ता के मुताबिक, हमारे ग्राहक भलीभांती समझते हैं कि आईस के बगैर शीतय पेय बनना कैसे संभव है। 

स्वीमिंगपुल में बच्चे को नहीं पिलाने दिया दूध, मां ने किया केस

लंकाशायर निवासी 27 वर्षीय मां ने उस स्वीमिंगपुल मैनेजमेंट के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जिसने उन्हें अपने आठ माह के बेटे को स्तनपान कराने से रोक दिया। एबी स्टॉकर पेंडल वेवलैंथ पूल गई थीं। वे उस समय स्वीमिंग पूल में अपने बेटे को दूध पिलाना चाहती थी, जब वेव मशीन चालू थी।

कर्मचारियों ने उन्हें रोका। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, स्वीमिंग पूल के कर्मचारियों ने महिला को समझाया कि कई बार लहरें तेज होती हैं, इससे बच्चे को नुकसान हो सकता है, लेकिन वह नहीं मानी। स्टाफ ने महिला को कुर्सी पर बैठकर दूध पिलाने का विकल्प भी दिया, लेकिन वह अड़ी रहीं और आखिरकार 20 हजार पौंड यानी करीब 19.50 लाख रुपए का केस कर दिया।

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