ज्ञान भंडार
राजस्थान में PAK से सटे 30 किलोमीटर बॉर्डर को पहुंचा नुकसान
एजेंसी/ जोधपुर.रेगिस्तानी इलाके में चल रही आंधी की वजह से जैसलमेर जिले के शाहगढ़ बल्ज इलाके में भारत-पाकिस्तान बॉर्डर का नक्शा हर दिन बदल रहा है। करीब 30 किलोमीटर इलाके में रेत के टीले आंधी की वजह से एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट हो रहे हैं। यहां जो तार फेंसिंग की गई थी वो भी टीले शिफ्ट होने की वजह से हवा में झूलने लगी है। मौके पर पहुंची नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल की टीम…
– बार्डर के ताजा हालात को समझने के लिए नेशनल सिक्युरिटी काउंसिल कमेटी की एक टीम गुरुवार दोपहर शाहगढ़ बल्ज पहुंची। बुधवार शाम कमेटी के मेंबर्स ने बीएसएफ अफसरों के एक अहम मीटिंग भी की थी।
– कमेटी रेतीली आंधी की वजह से शिफ्ट हो रहे टीलों का जायजा ले रही है। हालांकि, इन हालात को देखकर कमेटी भी हैरान है।
– 30 किलोमीटर के इस इलाके की चौकसी करने में जवानों को भी दिक्कत आ रही है। कमेटी ने जवानों से इस बारे में बात भी की है। कमेटी बाड़मेर और मुनाबाव से यहां पहुंची है।
हवा में कैसे झूल रही है बॉर्डर की तारबंदी
– शाहगढ़ बल्ज का इलाका चौकसी के लिहाज से सबसे मुश्किल माना जाता है।
– यहां रेत के विशाल टीले आंधी चलने पर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं। ये हर साल होता है।
– टीलों की इस शिफ्टिंग की वजह से वायर फेंसिग हवा में लटक जाती है। कई जगहों पर तो फेंसिंग के ऊपर ही टीले बन गए हैं।
– फ्लड लाइट के पोल नीचे गिर गए हैं। इसकी वजह से रात में चौकसी करने में बेहद मुश्किल होती है।
– कई बार तो जवानों को यह भी नहीं मालूम चलता की वह किस देश की बॉर्डर में हैं।
– पाकिस्तान से लगने वाली 3323 किलोमीटर लम्बी बॉर्डर वैसे तो दोहरी फेंसिंग है। लेकिन शाहगढ़ में सिंगल फेंसिंग है। यह भी आंधी की वजह से नीचे गिर जाती है।
– फेंसिंग में कई बार बदलाव भी किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
– यहां रेत के विशाल टीले आंधी चलने पर दूसरी जगह शिफ्ट हो जाते हैं। ये हर साल होता है।
– टीलों की इस शिफ्टिंग की वजह से वायर फेंसिग हवा में लटक जाती है। कई जगहों पर तो फेंसिंग के ऊपर ही टीले बन गए हैं।
– फ्लड लाइट के पोल नीचे गिर गए हैं। इसकी वजह से रात में चौकसी करने में बेहद मुश्किल होती है।
– कई बार तो जवानों को यह भी नहीं मालूम चलता की वह किस देश की बॉर्डर में हैं।
– पाकिस्तान से लगने वाली 3323 किलोमीटर लम्बी बॉर्डर वैसे तो दोहरी फेंसिंग है। लेकिन शाहगढ़ में सिंगल फेंसिंग है। यह भी आंधी की वजह से नीचे गिर जाती है।
– फेंसिंग में कई बार बदलाव भी किए गए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
इसलिए बनाई गई कमेटी
– पठानकोट एयर बेस पर हुए आतंकी हमले के बाद केन्द्र सरकार ने यह कमेटी बनाई थी। कमेटी हर बॉर्डर एरिया में सिक्युरिटी अरेंजमेंट्स को मॉनीटर करती है।