हाई कोर्ट के जज को भी नहीं मिला 100 नंबर पर कॉल का जवाब
एंजेंसी/नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने बुधवार को पुलिस आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर ‘100’ पर खराब प्रतिक्रिया पर चिंता जताते हुए कहा कि अगर एक न्यायाधीश द्वारा की गई कॉल पर कोई जवाब नहीं मिला तो तब क्या होगा जब कोई आम आदमी आपातकाल में इसे डायल करता है। मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति जयंत नाथ की पीठ ने कहा कि यह गंभीर मुद्दा है। डायल 100 जनता के लिए है और अगर आपातकाल में इस पर जवाब नहीं आता है तो हम इससे ज्यादा क्या उम्मीद कर सकते हैं?
पीठ उस पत्र का जिक्र कर रही थी जो उसे दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी ने भेजा है। न्यायाधीश ने हाल में आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया था जब वह ट्रैफिक जाम में फंसे थे लेकिन उसके कॉल पर कोई जवाब नहीं मिला। अदालत ने उनके पत्र को खुद से जनहित याचिका में बदल दिया और केन्द्र और दिल्ली पुलिस से न्यायमूर्ति सांघी के अनुभव के बारे में जवाब पूछा।
यह पत्र पुलिस आयुक्त और दिल्ली उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश को भेजा गया है। न्यायमूर्ति सांघी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त आलोक कुमार वर्मा को लिखे पत्र में 29 अप्रैल को हेल्पलाइन पर फोन करने का ‘खराब निजी अनुभव’ बताया जब वह एक शादी समारोह में शामिल होने वसंत कुंज जा रहे थे।