इस गांव में रात 10 बजे के पहले ही क्यों आती हैंं बारातें
मध्यप्रदेश के सिवनी जिले में दो गांवों ऐसे हैं जहां रात 10 बजे के बाद बारात नहीं आती है. अगर इससे ज्यादा समय पर बारात आती है, तो उसे 5100 रुपए जुर्माना देना पड़ता है.
दरअसल, जिले के बरघाट विकासखंड के धारनाकला और केकड़ई गांव में रहने वाले पवार समाज ने शादियों में होने वाले विवादों के मद्देनजर यह निर्णय लिया है. इस वजह से अब गांव में शाम के वक्त ही लड़की के द्वार पर बारात पहुंच जाती है.
इस फैसले के पीछे समाज के लोगों का मत है कि, देर रात हो जाने की वजह से युवा शराब के नशे में धुत्त हो जाते हैं और विवाह समारोह में उपद्रव करते हैं. किसी भी शादी में विवाद न हो, इसलिए रात के 10 बजे के पहले बारात लगाने का वक्त तय कर दिया गया है. यही नहीं, इन गांवों से बारात अगर दूसरे गांव में जाती है, तो वहां भी 10 बजे के पहले पहुंचना होता है.
इस अनोखे फैसले को पवार समाज के लोगों ने स्वीकार कर लिया है. इस साल 20 से अधिक शादियों में दोनों गांवों में संपन्न हुईं, जिनमें से एक-दो के अलावा सभी बारातें रात 10 बजे के पहले वधु पक्ष के दरवाजे पर पहुंच गईं. वहीं, जो 10 बजे के बाद पहुंचे, उनको 5100 रुपए जुर्माना चुकाना पड़ा.
इस नियम के बाद बारातें शाम के वक्त निकलने लगी हैं, वहीं लोक-लिहाज के चलते बाराती शराब का सेवन करने से बचते हैं. खास बात यह है कि धारनाकला और केकड़ई गांव के पवार समाज के इस नए कदम का आसपास के गांव भी अनुसरण करने लगे हैं. इससे शादियों में होने वाले विवादों में कमी आई है.