जानें, घी खाने का उत्तम समय कौन सा है?
आयुर्वेद के अनुसार घी खाने का भी अपना समय होता है। जब हम खाना खाने की शुरुआत करते हैं, तब हमारे सामने भारी भोजन (पचने में मुश्किल) पहले परोसा जाता है और बाद में हम मीठा खा कर अपना भोजन खतम करते हैं।
जोरों की भूख लगने पर हमारे पेट की अग्नि (पाचन शक्ति) अपने हाई लेवल पर होती है, इसलिये वह भारी भोजन को आराम से पचा सकती है। आपकी जानकारी के लिये बता दें कि घी भी भारी होती है, जिसे हमें खाने की शुरुआत में ही खा लेना चाहिये, जिससे वह अग्नि की मदद से आराम से पच जाए।
ज्यादातर तमिल ब्राह्मण भोजन के दौरान खाने की प्लेट पर घी पहले ही परोस दिया जाता है, जिससे भोजन करने वाला व्यक्ति आराम से अपना खाना पचा सके। अगर आप घी खाने के शौकीन हैं तो, यह जानकारी आपके बडे़ काम आ सकती है। इसलिये नीचे की स्लाइड्स जरुर पढ़ें-
दोष के अनुसार खाएं इसे पाचन की प्रक्रिया के दौरान आखिर में वात दोष का प्रभाव तेज हो जाता है। घी, वात और पित्त दोष को बैलेंस करने का काम करती है। इसलिए, यह समझना जरुरी है कि घी को भोजन के पहले या भोजन के दौरान ही खाना सबसे अच्छा होता है।
घी खाने से पेट की अग्नि बढ़ती है भारी होने के अलावा, घी पाचन शक्ति यानी अग्नि को भी बढाती है। अगर आप घी को खाने के दौरान खाएंगे तो आप चाहे जितना भी भारी भोजन खाएं, वह आराम से पच जाएगा।
पेट का बचाव करती है इसे खाने से पेट के अंदर की लाइनिंग सुरक्षित रहती है। इसलिये अगर आप घी को खाने के पहले ही खाते हैं तो, वह मसालेदार और तीखे भोजन का असर कम कर देगी।
गरम खाने के साथ अगर आप का खाना बेहद गरम है, उदाहरण के तौर पर जैसे, रोटी और सब्जी तो, आप घी को साथ में या फिर खाना खाने के बाद भी खा सकते हैं।
ठंडे भोजन के साथ अगर आप खाना खाने के बाद फ्रिज में रखी आइसक्रीम या खीर खाने वाले हैं तो, घी को भोजन के शुरुआत में ही खा कर खतम कर दें क्योंकि घी को गरम चीज़ के साथ ही खाना ठीक रहता है। नहीं तो आपका खाना हजम नहीं होगा।
घी हजम होने के संकेत शरीर में हल्कापन बना रहेगा इंद्रियों में अच्छी शक्ति आएगी सुस्ती का अभाव
घी हजम ना हो तो करें ये उपचार अगर आपको लगता है कि घी हजम नहीं हुई है तो, फैट लेस छाछ यानी मठ्ठा पियें। उसमें एक चुटकी अदरक पावडर या काली मिर्च पावडर मिक्स करें। इससे आपका घी हजम हो जाएगा।
घी खाने का उत्तम समय कौन सा है? इसलिये ब्राह्मण भोजन के दौरान सबसे पहले घी परोसा जाता है और भोजन के बाद में मठ्ठा, जिससे खाना आराम से हजम हो जाता है।