हर किसी को लुभाती है लोट्स टेम्पल की खूबसूरती
दिल्ली का लोट्स टेम्पल अपनी खूबसरत आभा से हर किसी के मन को लुभाता है। ईरानी वास्तुकार फरीबोर्ज ने वास्तु के आधार पर यह मंदिर बनाया तथा सिंध के अरदीशीर रूस्तामपुर की ओर से वित्त पोषित किया गया। यह मंदिर बहाई धर्म का अनुसरण करता है। लोटस टेम्पल दिल्ली में सबसे प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है।
यह दुनिया में 7 बहाई मंदिर में शामिल है। लेकिन किसी भी धर्म के लोग इस मंदिर के अंदर जा सकते हैं और प्रार्थना कर सकते हैं। इसके हॉल में लोग बैठते हैं और ध्यान करते हैं। लोट्स टेम्पल मंदिर 27 संगमरमर की पंखुडिय़ों के साथ एक कमल के फूल की आकार की तरह का है। मंदिर में बना सूचना केन्द्र इस मंदिर के इतिहास और निर्माण की जानकारी देता है।
इसके अलावा, बहाई धर्म और उसके सिद्धांतों के बारे में भी जानकारी यहां मिल सकती है। मंदिर के बीचों बीच एक गुंबद है जिसे बाहर से संगमरमर की पंखुडिय़ों से ढंका गया है। इस गुंबद की छत का इंटीरियर देखने लायक है। लोट्स टेम्पल का गार्डन मंदिर निर्माण निधि का एक हिस्सा है जो पौधों के प्रयोग के लिए निर्मित किया गया है। शाम को जगमगाता लोट्स टेम्पल हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करता है। लोट्स टेम्पल नौ भागों पर नौ तालाब हैं।