नवाजुद्दीन की ‘मेरे कवि दोस्त’ कविता पर मचा बवाल, देश के वरिष्ठ पत्रकारों ने जताई कड़ी आपत्ति और प्रशासन से की सख्त कार्यवाही की मांग
लखनऊ: नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने यूट्यूब चैनल ‘अनइरेज पोएट्री’ पर रमणीक सिंह के साथ पढ़ी गई कविता पर विवाद शुरू हो गया है उनकी कविता ‘मेरे कवि दोस्त’ में इस्तेमाल किये गए कुछ शब्दों पर विवाद उत्पन्न हो गया है। उनकी कविता में देश के वर्तमान माहौल पर की गयी टिप्पणी ”पत्रकारों को ‘…..’ की औलाद कहना हो गया है हर बहस का आखरी जवाब”… पर देश के वरिष्ठ पत्रकारों ने आपत्ति जताई है। और नवाजुद्दीन की इस हरकत को बेहद शर्मनाक और बेहूदा करार दिया है और इस पर कानूनी कार्यवाही के लिए भी विचार किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त पत्रकार समिति के अध्यक्ष हेमंत तिवारी के अनुसार नवाज़ुद्दीन द्वारा पढ़ी गयी कविता में पत्रकारों पर की गयी अभद्र टिप्पणी नवाज्जुद्दीन की घिनौनी बेहूदी जाहिलियत भरी गैरजिम्मेदराना हरकत है।जिसमें उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से वर्तमान माहौल में “ऐसा कहा जाता हैं” ऐैसे ग़लत संदर्भ का सहारा लिया हैं जोकि सरासर अनुचित हैं।इस तरह की टिप्पणी का संदर्भ सार्वजनिक मंच पर कही-कभी नही इस्तेमाल किया गया।नवाजुद्दीन की मंशा इस कविता के द्वारा विवाद पैदा कर गंदी,सस्ती और नकारात्मक पब्लिशिटी पाने की लगती हैं।जोकि घोर निंदनीय हैं।
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देश का पत्रकार समाज नवाजुद्दीन की इस हरकत से बेहद आहात है। हेमंत तिवारी के अनुसार नवाजुद्दीन को अपनी कविता से ये बेहूदा लाईने हटानी होंगी और पत्रकार समाज से माफ़ी मांगनी पड़ेगी। कोई भी व्यक्ति किसी अप्रत्यक्ष संदर्भ के सहारे आपत्ति जनक भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकता।कविता में ऐसा दर्शाया जा रहा हैं की नवाजुद्दीन स्वंय वर्तमान हालातों पर प्रोटेस्ट कर रहे हैं। जबकि पत्रकारो के विषय में ऐसी अभद्र भाषा का कोई दूसरा उदाहरण पहले से मौजूद नही हैं।इसलिए इनकी मंशा सस्ती लोकप्रियता और समाज में पत्रकारो के प्रति दुराग्रह को बढ़ाकर उसका आरोप वर्तमान परिवेश पर थोपने की प्रतीत होती हैं। जोकि फिल्म के ट्रेलर के साथ जानबूझकर रिलीज़ की गयी।यह कविता और उसमे इस्तेमाल की गयी ओछी लाइनें नवाजुद्दीन की सोची समझी साज़िश है। नवाजुद्दीन सिद्दिकी के इस गैरजिम्मेदराना हरकत को संगीन आपराधिक कृत्य मानकर प्रशासन को नवाजुद्दीन के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही करनी चाहिए जिससे भविष्य में देश के चौथे स्तम्भ पर कीचड़ उछालने की इस तरह की हरकतो पर लगाम लगायी जा सके।