उत्तराखंड

उत्तराखंड: जंगलों में पिछले दो दिन से लगी भीषण आग, कीमती वन संपदा जलकर हुई राख

iत्यूणी/चकराता। चकराता वन प्रभाग से जुड़े बावर रेंज और आसपास के जंगलों में पिछले दो दिन से लगी भीषण आग के चलते कीमती वन संपदा जलकर राख हो गई। फायर सीजन में आरक्षित एवं सिविल सोयम के जंगलों की सुरक्षा का जिम्मा संभाले वन विभाग के अधिकारी ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों के फोन भी नहीं उठा रहे हैं। जंगल में लगी भीषण आग की लपटें क्षेत्र के कई ग्रामीणों के सेब के बगीचों तक पहुंच गई हैं। जिससे समूचे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

चकराता वन प्रभाग से जुड़े बावर रेंज दारागाड़, मोल्टा रेंज चातरा, देवघार रेंज त्यूणी व रिखनाड़ रेंज नाड़ा में चीड़ के जंगल सबसे अधिक हैं। फायर सीजन में आरक्षित एवं सिविल सोयम के जंगलों को आग से बचाने की बड़ी चुनौती है। आग से निपटने को वन विभाग के अधिकारी हर बार फायर सीजन में लाखों रुपये का बजट खपा देते हैं। बावजूद इसके जंगलों में आग लगने से वन संपदा को बड़े पैमाने पर नुकसान हो रहा है। इसी क्रम में चकराता वन प्रभाग से जुड़े बावर रेंज और आसपास के अन्य जंगलों में पिछले दो दिन से भीषण आग लगी है। बेशकीमती वन संपदा धू-धूकर जल रही है, लेकिन आग बुझाने में वन विभाग की टीम पूरी तरह नाकाम रही। विभाग के जिम्मेदार अधिकारी एवं फायर कर्मियों के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है।

ग्रामीणों का कहना है कि बावर-देवघार रेंज के जंगल से फैली आग की लपटें ओवरासेर, मुंधोल के खेड़ा हरटाड़ और आसपास के अन्य गांवों में लगे सेब बगीचों तक पहुंच गई है। बृनाड़ निवासी क्षेत्र के प्रमुख बागवान एवं पूर्व जिपं अध्यक्ष चमन सिंह, मुंधोल निवासी स्याणा सूरतराम जोशी समेत कुछ अन्य बागवानों के दो सौ से अधिक फलदार पेड़ जलकर नष्ट भी हो गए। ग्रामीणों ने कहा कि जंगल में दो दिन से लगी आग को बुझाने के लिए वन विभाग की टीम की सक्रियता नहीं देखी गई। अगर समय रहते आग पर काबू नहीं पाया गया तो ग्रामीणों के सामने सेब बगीचों को बचाने की चुनौती होगी।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग के अधिकारियों को इसके लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया है। आरोप है कि चकराता वन प्रभाग की डीएफओ और अन्य अधिकारी ग्रामीणों का फोन तक नहीं उठा रहे हैं। वन विभाग अधिकारियों के इस रवैए से लोग नाराज हैं। उधर, मामले की गंभीरता देख मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल डा. धीरज पांडे ने डीएफओ चकराता से मामले की रिपोर्ट तलब की है। मुख्य वन संरक्षक ने कहा कि मामले में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीसीएफ ने डीएफओ चकराता को जंगल में लगी आग पर तत्काल काबू पाने के निर्देश दिए हैं।

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